नवीन चौहान.
विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण मेरठ पीएन पांडे ने नौचंदी थाना क्षेत्र में हुई हत्या के एक मामले में न्यायालय में बयानों से मुकरने पर विधायक के खिलाफ वाद दर्ज करने के आदेश दिये हैं।
सपा विधायक का नाम अतुल प्रधान है और वह इस बार सरधना सीट से चुनाव जीता है। अतुल प्रधान के अलावा राष्ट्रीय कुश्ती कोच डॉ. जबर सिंह सोम के खिलाफ भी वाद दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। दूसरी तरफ न्यायालय ने इस मामले में हत्या के आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी पक्ष के अधिवक्ता अनुज कुमार शर्मा ने बताया कि सूरज प्रजापति का आरोप था कि उसके भाई विशाल का फैक्टरी मालिक अश्वनी कुमार के साथ वेतन को लेकर विवाद चल रहा था। 15 अगस्त 2012 को ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान अश्वनी कुमार ने अपने गार्ड श्रीपाल से गोली लगवा विशाल की हत्या करा दी।
उसी दिन कुश्ती कोच डॉ. जबर सिंह सोम ने एक प्रार्थना पत्र थाने में दिया कि घटना के दिन ध्वजारोहण कार्यक्रम में वह आमंत्रित थे। कार्यक्रम के दौरान उनके निजी सुरक्षाकर्मी श्रीपाल की राइफल से गोली चल गई। यह गोली एक कर्मचारी को लग गई और गार्ड मौके से फरार हो गया।
न्यायालय में कोच जबर सिंह सोम ने कहा कि पुलिस वालों ने डरा धमकाकर तहरीर ले ली थी कि गोली उनके निजी सुरक्षाकर्मी श्रीपाल की राइफल से चली। वहीं, अतुल प्रधान ने जबर सिंह सोम के निजी सुरक्षाकर्मी श्रीपाल की राइफल से गोली लगने से किसी की मृत्यु होने की जानकारी से इनकार किया। अभियोजन पक्ष के निवेदन पर दोनों गवाहों को न्यायालय द्वारा पक्षद्रोही घोषित किया गया।
सपा नेता अतुल प्रधान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। पुलिस ने विवेचना करते हुए आरोपी श्रीपाल को गैर इरादतन हत्या के आरोप में दंडित किए जाने के लिए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। इस केस में मृतक के भाई सूरज प्रजापति, जबर सिंह और अतुल प्रधान सहित कुल 13 गवाह शामिल किए गए।