स्वामी विवेकानंद के विचार हर युग में प्रासंगिक हैं—स्वामी नित्यशुद्धानंद




रोगियों की पूजा कर रोगी नारायण सेवा का संकल्प लिया संतों और चिकित्सकों ने
सोनी चौहान
स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयन्ती श्री रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम मठ में हर्षोल्लासपूर्वक मनायी गयी। शुक्रवार सुबह चार बजे ब्रह्ममूहूर्त में मंगल आरती के साथ स्वामी विवेकानंद के जयन्ती समारोह का शुभारंभ हुआ। भजन, हवन और संतों के प्रवचन तथा प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। बडी तादाद में श्रद्धालुओं ने समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर रोगी नारायण पूजा का भी आयोजन किया गया। रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम और चिकित्सालय से जुडे संतों, चिकित्सकों और अन्य कर्मचारियों ने अस्पताल में भर्ती रोगियों को माला पहनाकर, तिलक लगाकर उनकी पूजा की और उन्हें फल, बिस्कुट तथा अन्य सामग्री भेंट की।


रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम के सचिव स्वामी नित्यशुद्धानंद महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने रोगी नारायण सेवा और पूजा का सिद्धांत प्रतिपादित किया था। उन्होंने कहा था कि हर मनुष्य में नारायण का वास है। स्वामी विवेकानंद जी की इस परंपरा को मिशन के संत और चिकित्सक वर्षों से निभाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोगी को नारायण का रूप मानकर मिशन के चिकित्सक और संत उनकी सेवा करते हैं। संतों और चिकित्सकों ने रामकृष्ण मिशन चिकित्सालय में भर्ती रोगियों की पूजा कर रोगी नारायण सेवा का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। स्वामी विवेकानंद ने आधुनिक भारत के निर्माण का सपना देखा था। जिसमें सभी भारतवासी स्वस्थ और आत्म निर्भर रहें। उनके विचारों को आगे बढाने के लिए मिशन के संत और चिकित्सक कटिबद्ध है।
इस अवसर पर स्वामी उमेश्वरानंद मंजू महाराज, स्वामी डॉ शिवकुमार, स्वामी जगदीश महाराज, मिशन के चिकित्सक डॉ अरुणा कुलकर्णी, डॉ दीपक कुमार, डॉ अखिलेश चौहान, डॉ डीपी सिंह, डॉ अमरजीत नर्सिंग इंचार्ज मिनी योहान्नन, गोकुल कुमार, मिशन की अनुयाई लेखिका डॉ राधिका नागरथ, सरदार अमरजीत सिंह, सुनील चौधरी मौजूद थे।



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