हरिद्वार में होली पर भी खूब हुई सियासत, मदन, आदेश और स्वामी के बीच फंसे संजय!




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नवीन चौहान.
होली पर्व प्रेम और सौहार्द का त्योहार। गिले शिकवे भुलाकर एक दूसरे के गालों पर रंग लगाकर गले लगाने का त्योहार। लेकिन सियासत के मैदान में होली पर भी खूब राजनीति हुई। अगर यूं कहे कि होली पर हरिद्वार के नगर विधायक मदन कौशिक ने खूब धमक दिखाई तो सीधे सच्चे रानीपुर विधायक आदेश चौहान के लिए चेयरमैन राजीव शर्मा ने फील्डिंग सजाई।

पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने हरिद्वार ग्रामीण में अपनी जबरदस्त मजबूत पकड़ बनाई। रुड़की में विधायक प्रदीप बत्रा को पत्रकारों से पंगा पड़ गया भारी। सुलझाने गए तो गुझियों में उलझ गए बेचारे। हरिद्वार के पूर्व सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने संगठन के सहारे सियासत में फ़िर एक बार जोरदार एंट्री मारी। रुड़की की मेयर अंजू गुप्ता पड़ गई अकेली बेचारी। हरिद्वार की मेयर किरण जैसल अपने बेटे रवि के लिए खूब दौड़ लगा रही।
हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत की ईमानदारी फ़िर उनको पड़ रही भारी। उनकी सादगी और सज्जनता ने कुछ बेचारों की राजनैतिक दुकान चला दी। आशुतोष शर्मा का चल गया दांव, राजनीति में एक पायदान आगे बढ़े और लगा दी छलांग। खन्ना नगर में हो गई टेंशन। वेद मंदिर में उल्लास। बात करे संजय गुप्ता की तो मन बड़ा उदास। लक्सर छोड़कर आए तो मेयर की सीट पर आरक्षण की लग गई हाय। परिसीमन का सहारा नहीं तो फिर लक्सर हमारा। जिला पंचायत में तो उम्मीद की जोरदार किरण जगमगाई। सीधे सच्चे अमित बेचारे स्वामी भक्ति में लीन। गांव गांव करे विकास, कभी सड़क, कभी नाली और लाइट की जगमग से टेंशन ले सारी।
खानपुर की बात करें तो पत्रकार से विधायक बना उमेश निकला सयाना। दुबई से लेकर मंसूरी तक क्रिकेटरो संग खूब लगाए ठुमके। चैंपियन को जेल कराकर खुद खिसके। सत्ता की सियासत में खूब कट रही चांदी। नेता मौज करे और कार्यकर्ता नेता की खोज करे। आज किस नेता की करे चरण वंदना और किसे दे होली की बधाई। सोशल मीडिया पर फोटो आई तो किस नेता ने दूरी बनाई। होली के रंग अनेक पर सत्ता के खेल में चेहरे के पीछे चेहरे अनेक।
इसलिए कुर्सी के खेल में मत करो लड़ाई। हम सब आपस में भाई भाई। देश हमारा और हम देश के रक्षक। एकता के सूत्र में बंधे और संविधान संग चले। प्रेम और सौहार्द बनाकर जिंदगी में आगे बढ़ना और हर काम के पीछे का मकसद देश को सर्वश्रेष्ठ की नीति रखना। यही होली का संदेश, रंग हो अनेक लेकिन फिर भी हम सभी एक।

नोट:— बुरा ना मानो होली है।