कुलपति पीपी ध्यानी ने कहा कर्मचारी विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण कड़ी




नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में कुलपति डा0 पी0पी0ध्यानी के निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य के 21वें स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा स्वच्छता अभियान तथा राज्य के समन्वित विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका पर परिचर्चा के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों को अपनी बात और सुझाव रखने हेतु प्रोत्साहित किया गया। डा0 ध्यानी द्वारा कहा गया कि कर्मचारी विश्वविद्यालय की एक महत्वपूर्ण कडी हैं जिनका स्किल डेवलपमेंट करना उनका मुख्य उद्देश्य है, इसी के चलते डा0 ध्यानी द्वारा प्रत्येक कर्मचारी से उनकी मन की बात जानी गयी तथा वर्तमान में राज्य के विकास में विश्वविद्यालय द्वारा क्या क्या कार्य किया जा सकता है इस विषय पर सभी अधिकारी एंव कर्मचारी से परिचर्चा की गयी।


डा0 पी0पी0ध्यानी, कुलपति द्वारा अवगत कराया गया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के मन के विचारों और सुझावों को उजागर करना है । डा0 ध्यानी द्वारा राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में उत्तराखण्ड बनने से लेकर वर्तमान तक राज्य में क्या-क्या सुविधायें आम जनमानस को मिली और क्या-क्या उपलब्धियां अर्जित हुई तथा राज्य कर्मचारियों को राज्य बनने से पहले किस-किस प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था को कर्मचारियों के मध्य रखा गया। डा0 ध्यानी ने कहा कि सबसे बडी बात यह है कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना होने से हर व्यक्ति अपनी बात सरकार के बीच में रख सकता है, पहले हमें लखनउ जाना पडता था। प्रजातंत्र में हमारा प्रतिनिधित्व तीव्र गति से बढा, राज्य बनने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ, राज्य में रोजगारपरक उद्योगों में आशातीत वृद्धि हुयी है, राज्य की प्रति व्यक्ति आय में भी काफी वृद्धि हुयी है, पर्वतीय क्षेत्रों में संचार में क्रान्ति हुयी।


कार्यक्रम में कुलपति द्वारा कई बिन्दुओं पर अपने विचार व्यक्त किये गये। उन्होने यह भी कहा कि राज्य आन्दोलन में शहीद हुये व्यक्तियों के छायाचित्र विश्वविद्यालय मुख्यालय में लगाने के प्रयास किये जायेंगे तथा राज्य आन्दोलनकारियों को सम्मान देने पर भी विचार किया जायेगा, विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त कालेजों को एक एक गांव गोद लिये जाने हेतु प्रेरित किया जायेगा, प्रत्येक कालेज में कम से कम दो स्वरोजगार पाठ्यक्रमों (एक स्नातक स्तर पर तथा एक स्नातकोत्तर स्तर पर) शुरू करने पर विचार किया जायेगा। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में राज्य के वीर सपूतों, क्रान्तिकारियों, राजनीतिज्ञों, शिक्षाविदों, समाजसेवियों आदि को शामिल करने हेतु कार्यवाही की जायेगी, विश्वविद्यालय के दोनो परिसरों का विश्वविद्यालय में पूर्ण रूपेण हस्तांतरण होने पर परिसरों में अध्ययनरत् निर्धन बच्चों को विश्वविद्यालय द्वार निशुल्क शिक्षा देने पर भी विचार किया जायेगा।
डा0 पी0पी0 ध्यानी द्वारा कार्यक्रम के शुभअवसर पर सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सकंल्प लिया गया कि वें राज्य एवं विश्वविद्यालय के विकास में पूरे मनयोग से योगदान करेंगे, जिससे विश्वविद्यालय तथा राज्य का समन्वित विकास होगा। डा0 ध्यानी द्वारा सुनील नौटियाल का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया कि उनके द्वारा कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार कर भविष्य के लिये एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया गया तथा इस प्रकार के अभिनव प्रयासों हेतु अन्य क्रमिकों को भी कार्य किये जाने हेतु प्रेरित किया गया। इस कार्यक्रम से पहले सभी अधिकारियां एवं कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय परिसर एवं समीपवर्ती मुख्य सडक के किनारे स्वच्छता अभियान चलाया। स्थापना दिवस के मौके पर विश्वविद्यालय मुख्यालय को लड़ी लगाकर जगमग किया गया।
कार्यक्रम में दिनेश चन्द्रा प्र0 कुलसचिव, डा0 आर0एस0 चौहान परीक्षा नियंत्रक, डा0 बी0एल आर्य सहायक परीक्षा नियंत्रक, सुनील नौटियाल, प्र0 निजी सचिव कुलदीप सिंह नेगी, जसवन्त सिंह बिष्ट, रणजीत सिंह रावत, सुमेर सिंह, अमित, अर्जुन आदि उपस्थित रहे।



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