उत्तराखंड को आपदा से बचाने और ग्लेशियर टूटने से जनहानि पर मृतकों की आत्मिक शांति के लिए किया यज्ञ




नवीन चौहान
चमोली जिले में नंदा देवी गलेशियर टूटने से मची तबाही से हुई जनहानि से संत समाज व अखाड़ों में शोक की लहर दौड़ गयी है। इस भयानक आपदा में हुई जनहानि व नुकसान को कम करने तथा प्रदेश की शांति व सुरक्षा के लिए श्री मायादेवी में जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि के संयोजन में शांति यज्ञ किया गया।
रविवार को श्री मायादेवी मन्दिर, श्री आनंद भैरव मन्दिर, दुःखहरण हनुमान मन्दिर बिड़लाघाट, मौजगिरि मन्दिर प्रयागराज, भवनाथ मन्दिर जूनागढ़, नीलगंगा नासिक व अन्य सभी मन्दिरों में विशेष पूजा अर्चना व हवन हुए। श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने इस आपदा की घड़ी में प्रदेश सरकार व प्रशासन को सभी अखाड़ो की ओर से हर सम्भव सहायता व सहयोग दिए जाने का आश्वासन देते हुए कहा कि हम सभी प्रशासन तथा सरकार के साथ है। उन्होने इस आपदा में हताहत हुये लोगों की आत्मा की शांति तथा उनके परिजनों को इस दारूण कष्ट को सहने की शाक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती ने इस संकट की घड़ी में सभी पीड़ित परिवारों को धैर्य रखने तथा इसका मुकाबला करने के लिए ईश्वर से साहस प्रदान करने की कामना की। मायादेवी प्रांगण में शांतियज्ञ में अखाड़े के सभी प्रमुख पदाधिकारियों पूर्व सभापति श्रीमहंत सोहन गिरि व श्रीमहंत उमाशंकर भारती, सचिव श्रीमहंत मोहन भारती, श्रीमहंत महेशपुरी, श्रीमहंत गणपत गिरि, श्रीमहंत शेलैन्द्र गिरि, अष्टकौशल श्रीमहंत संध्यागिरि, श्रीमहंत शिवानंद सरस्वती, निर्माण सचिव श्रीमहंत शैलजा गिरि, कोठारी लालभारती, कारोबारी महंत महादेवानंद गिरि, पुजारी महंत परमानंद गिरि, थानापति नीलकंठ गिरि,थानापति विवेकपुरी, आजाद गिरि आदि कई संतो महंतो व नागा सन्यासियों ने भाग लिया।



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