केदारनाथ आपदा से जोड़कर ना देखे जोशीमठ आपदा, सुरक्षित है उत्तराखंड





नवीन चौहान
केदारनाथ आपदा के परिदृश्य से जोड़कर जोशीमठ आपदा को जोड़कर देखने की जरूरत नही है। जोशीमठ में प्राकृतिक आपदा आई जरूर है लेकिन स्थिति नियंत्ररण में है। ग्लेशियर टूट जाने से चमोली जनपद के जोशीमठ में काफी क्षति हुई है। ​टनल के विभिन्न स्थानों पर कार्यरत लोगों की जनहानि भी हुई है। लेकिन यह आपदा केदारनाथ त्राहिमाम की तरह बिलकुल नहीं है। आपका और हमारा उत्तराखंड पूरी तरह से सुरक्षित है। हरिद्वार, ऋषिकेश और तमाम इलाकों में कोई संकट नहीं है। उत्तराखंड सरकार के आदेशों पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के दृष्टिगत चाक प्रबंध किए है।
बताते चले कि न्यूज127 को दिल्ली, कोलकत्ता और तमाम इलाकों से फोन आ रहे है। वह पूछ रहे है कि यह आपदा केदारनाथ आपदा की तरह ही है क्या। उत्तराखंड में भारी तबाही हो गई क्या। हम अपने पाठकों को बता दे कि इस आपदा की तुलना केदारनाथ आपदा से ना करें। साल 2013 में जून माह में भारी बारिश हो रही थी। भयंकर बारिश के बीच ही अचानक से ग्लेशियर टूट गया था। ग्लेशियर टूटने के साथ ही कई घंटों तक बारिश नही रूकी। इसके अलावा चारधाम यात्रा संचालित होने के चलते केदारनाथ में यात्रियों और स्थानीय का​कारोबारी व घोड़े खच्चर चलाने वाले लोगों की मौजूदगी भी केदारनाथ में थी। जिसके चलते हादसे ने भयंकर रूप ले लिया। लेकिन जोशीमठ की यह आपदा ज्यादा केदारनाथ आपदा की तरह भयंकर नही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तत्परता और सूझबूझ से हालातों को नियंत्रिरत कर लिया गया है। एसडीआरएफ,एनडीआरएफ, प्रशासन और पुलिस राहत बचाव कार्यो में जुटी है। हरिद्वार, ऋषिकेश और दूसरे जनपदों में स्थिति अनुकूल है। अलकनंदा नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका के मददेनजर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध कर लिए गए है। उत्तराखंड सरकार पूरी तरह से प्रदेशवासियों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए तत्पर है। अत: आप सभी लोगों को घबराने की जरूरत नही है। आपके परिचित हरिद्वार, रूड़की अथवा उत्तराखंड में कहीं पर भी है। वह पूरी तरह से सुरक्षित है। जोशीमठ में हादसा हुआ है। इसके अलावा कही पर कुछ नही है।



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