नवीन चौहान.
हरिद्वार। हरिद्वार के ज्वालापुर में शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के मामले में जांच के बाद कार्रवाई की शुरुआत हो गई है। जांच कर रही विजिलेंस ने तत्कालीन एसडीएम व तहसीलदार समेत कई अधिकारियों और जमीन खुर्द बुद्ध कर खरीद-फरोख्त करने वाले लोगों के खिलाफ देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया है। विजिलेंस के मुकदमा दर्ज कराते ही इस बड़े घोटाले में जुड़े अधिकारियों और भूमाफिया समेत अन्य लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।
ज्वालापुर में 10 साल से भी ज्यादा एक पुराने मामले में विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर इस मामले की जांच के दायरे में आ रहे लोगों की मुसीबतें बढ़ने वाली है। जिस संपत्ति को लेकर मुकदमा दर्ज हुआ वह संपत्ति ज्वालापुर में ईदगाह के आसपास बताई गई है। अब इस संपत्ति के ज्यादातर हिस्से में कई-कई मंजिला मकान भी बन चुके हैं। हालांकि कुछ हिस्सा अभी खाली बताया जा रहा है। जमीन की अवैध रूप से खरीद फरोख्त करने के इस मामले में कई बड़े अधिकारियों के नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं।
विजिलेंस की टीम ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धारा 420, 467, 468, 471, 218 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ साठगांठ कर षड्यंत्र के तहत सरकारी जमीन को खुर्द-बुर्द करने का आरोप है। इस मामले में एक रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी के साथ मौजूदा PCS अधिकारी भी विजिलेंस की रडार पर है। सरकारी जमीन (शत्रु संपत्ति) को खुर्द बुर्द करने के मामले में 10 लोकसेवकों यानी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारी के साथ ही 18 अधिवक्ताओं और भूमाफियाओं के खिलाफ मामला पंजीकृत हुआ है।
शासन के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। ये पूरा मामला वर्ष 2016 का हरिद्वार के ज्वालापुर का है। जांच के दौरान सरकारी जमीन को खुर्द बुर्द करने के लिए षड्यंत्र कर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए जाने का मामला सामने आया। तत्कालीन उपजिलाधिकारी, तत्कालीन लेखपाल, तत्कालीन कानूनगो समेत कई लोगों के नाम FIR में दर्ज किए गए हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।