पूर्व मंत्री के नाम से डॉक्टर को फोन तो खुली हरिद्वार के डॉक्टर की पोल, कोविड मरीजों से धोखा





गगन नामदेव
कोविड मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के एक परिजनों ने पूर्व मंत्री के नाम का झूठा सहारा लिया। पूर्व मंत्री का नाम लेते ही अस्पताल प्रबंधक ने तत्काल कोरोना मरीज को अस्पताल में भर्ती कर लिया। हालांकि मरीज के परिजनों ने पूर्व मंत्री से कोई संपर्क नही किया था। लेकिन एक बात तो साफ है कि निजी अस्पताल में कोविड मरीजों को भर्ती कराने के लिए भी पापड़ बेलने पड़ रहे है। निजी अस्पतालों के मनमाफिक फीस देने के बाद भी मिन्नते करनी पड़ रही है।
हरिद्वार में फैले कोरोना संक्रमण के बाद स्थिति बेहद ही भयावय हो चुकी है। अस्पताल में बेड़, आक्सीजन, वैंटीलेटर के लिए लोग तड़प रहे है। वही दूसरी ओर अब तो श्मशाम में शव जलाने के लिए भी सिफारिश लगा रहे है। एंबूलेंस चालकों की लूट की पोल खुली है। एक शव को श्मशान तक छोड़ने के लिए 80 हजार की मांग की गई। अब दूसरा सनसनीखेज मामला एक निजी अस्पताल का है। कोविड मरीज के परिजन अस्पताल के बाहर मानसिक परेशान थे। उनका मरीज एंबूलेंस में तड़प रहा था। इसी दौरान मरीज के परिजनों ने पूर्व मंत्री के नाम का झूठा सहारा लिया। मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधक चिकित्सक को बताया कि एक मरीज को भर्ती करने के लिए मंत्री जी का फोन आया होगा। अब पूर्व मंत्री का नाम सुनते ही मरीज को कोविड वार्ड में भर्ती कर लिया गया और उसकी देखभाल शुरू हो गई। निजी अस्पताल की मनमानी चलती है। ​हरिद्वार बहादराबाद मार्ग पर स्थित इस अस्पताल ने लूट मचा रखी है। सबसे बड़ी बात यह है कि जब अस्पताल में बेड खाली था तो मरीज को बाहर परेशान क्यो किया गया। ऐसे में कोरोना काल में डॉक्टर का चेहरा उजागर हुआ है।



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