महिला कांस्टेबल के आत्महत्या प्रकरण में कांस्टेबल पर मुकदमा, एसओ की तहरीर वायरल




नवीन चौहान
महिला कांस्टेबल मंजीता के आत्महत्या प्रकरण में कांस्टेबल प्रविंद्र सिंह असवाल पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मृतका के भाई महेंद्र सिंह की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद विवेचना प्रारंभ कर दी है। लेकिन इस प्रकरण में एक और तहरीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। ऐसे में एक प्रकरण में दो तहरीर होना और फिर दूसरी तहरीर पर मुकदमा दर्ज ​होने के पीछे की वजह साफ नही हो पा रही है। आखिरकार महकमे के ही लोग इस प्रकरण में खेल कर रहे है। सच्चाई तो पुलिस की विवेचना के बाद ही साफ हो पायेगी।
झबरेड़ा थाने में दर्ज महिला कांस्टेबल मंजीता प्रकरण में भाई महेंद्र सिंह पुत्र मोहर सिंह निवासी भाटगढ़ी थाना त्यूनी जिला देहरादून ने एसएसपी को तहरीर दी। तहरीर में बताया कि उसकी बहन मंजीता महिला कांस्टेबल के पद पर थाना झबरेड़ा में तैनात थी। 5 जुलाई की रात्रि करीब 8 बजे उसे फोन आया कि उसकी बहन की मृत्यु हो गई है। महेंद्र ने बताया कि उसकी बहन ने उसे फोन पर बताया था कि प्रविंद्र सिंह असवाल हाल निवासी सिविल लाइन रूड़की उसकी बहन मंजीता को मानसिक व शारीरिक रूप से तंग करता है। प्रविंद्र मंजीता के साथ कोतवाली गंगनहर में एक साथ तैनात था। जहां वह उसे अनुसूचित जनजाति की समझते हुए भेदभाव करता था। वर्तमान में मंजीता का स्थानांतरण रूड़की थाने में हो गया था। पीड़ित महेंद्र ने संदेह जताते हुए बताया कि प्रवेंद्र सिंह असवाल उसकी बहन को गाली गलौच व अपमानित कर अश्लील हरकते किया करता था। इसकी शिकायत मंजीता ने मौखिक रूप से अधिकारियों से की। लेकिन कोई कार्रवाई नही हो पाई। पीड़ित ने कहा कि उसकी बहन की प्रविंद्र सिंह ने साजिशन हत्या करने के बाद आत्महत्या का रूप दिया गया है। पीड़ित ने अपनी बहन का मोबाइल मांगा तो सिविल लाइन पुलिस ने देने से मना ​कर दिया। उसने आशंका जताई की मोबाइल से महत्वपूर्ण सबूत नष्ट किए जाने की संभावना है। इस तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए विवेचना प्रारंभ कर दी है। वही इसी प्रकरण में एक दूसरी तहरीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें थाना प्रभारी झबरेड़ा रविंद्र कुमार को भी आरोपी बनाया गया तथा स्थानांतरण होने के बाद थाना सिविल लाइन के लिए रिलीव नही करने का आरोप है। ऐसे में सवाल उठता है कि एक प्रकरण में दो तहरीर कैसे हो सकती है। महिला कांस्टेबल मंजीता की आत्महत्या के पीछे कोई बड़ी वजह है। क्या मंजीता मानसिक तौर पर परेशान चल रही थी। अगर वास्तव में मंजीता इतनी परेशान थी तो अपनी रूम पार्टनर उसने अपनी मानसिक स्थिति से अवगत नही कराया। मंजीता की मौत हो गई। कई सवाल अनसुलझे है। मंजीता को इंसाफ किस प्रकार मिलेगा। एसओ रविंद्र कुमार ने बताया कि जो तहरीर उनको मिली है। उस पर मुकदमा दर्ज किया गया है। दूसरी तहरीर के बारे में उनको कोई जानकारी नही है।



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