नवीन चौहान, हरिद्वार। डीएफओ आकाश वर्मा ने इंसानियत की जिंदा मिशाल पेश करते हुये एक बंदर का जीवन बचाने में महती भूमिका अदा की है। जिंदगी और मौत के बीच बहुत कम फासले से संघर्ष कर रहे एक बंदर को बचाने में डीएफओ आकाश वर्मा ने मानवता का परिचय दिया है।
बताते चले कि कुछ दिनों पूर्व करंट लगने से एक बंदर के दोनों हाथ, एक पांव और बाई आंख बुरी तरह जख्मी हो गई थी। बंदर का देहरादून के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। जहां उसकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। वन विभाग प्रशासन ने भी बंदर की मौत होने का लगभग स्वीकार कर लिया था। लेकिन इस सबके बीच वन्य जीव प्रेमी डीएफओ आकाश वर्मा ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर के डॉ अमित ध्यानी और डॉ प्रेमा घ्यानी, डॉ नौटियाल से बंदर का आप्रेशन कराने का निर्णय किया। जिसके बाद चिकित्सकों की टीम ने आप्रेशन किया। चिकित्सकों की टीम डीएफओ आकाश वर्मा के विश्वास को जीतने में सफल रही और आप्रेशन सफल रहा। जिसके बाद बंदर के भोजन की व्यवस्था की गई। बंदर की सेहत में लगातार सुधार दिखाई दे रहा है। इस बंदर का जीवन बचाने में डीएफओ आकाश वर्मा की मानवता को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। यदि सभी वन विभाग के प्रशासनिक अधिकारी इसी तरह अपने कर्तव्य का पालन करें तो वन्य जीवों की रक्षा संभव हो पायेगी।