मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की उम्मीदों पर खरे उतरे डीएम सी रविशंकर




नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उम्मीदों पर जिलाधिकारी सी रविशंकर पूरी तरह से खरे उतरे है। डीएम सी रविशंकर ने संजीदगी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ जनता की तमाम समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण किया है। ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वागीण विकास करने के लिए कार्ययोजना के अनुरूप कार्य किया। केंद्र व राज्य सरकार की सभी योजनाओं का सीधा लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए पारदर्शिता के साथ कार्य किया। भष्टाचारियों पर नकेल कसी हुई है। डीएम सी रविशंकर की ईमानदारी से भ्रष्टाचारियों में खौफ बना हुआ है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नव निर्वाचित सरकार के गठन के बाद से ही प्रदेश में जीरों टालरेंस की मुहिम शुरू की थी। प्रदेश से भ्रष्टाचार की दीमक को हटाने का प्रयास किया था। इसी के चलते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेहनती और ईमानदार अफसरों को अपनी पहली पसंद बनाते हुए जिले की कमान दी। हरिद्वार के जिलाधिकारी के तौर पर सी रविशंकर को भेजा गया। जिलाधिकारी सी रविशंकर की कार्यशैली एक कुशल प्रशासनिक अफसर और जनता के प्रति संवेदनशील वाली रही है। ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना और गरीब, असहाय पीड़ितों की समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण करना उनकी कार्यशैली का हिस्सा रहा है। लेकिन जिलाधिकारी का पदभार ग्रहण करने के बाद से कोरोना संक्रमण की महामारी ने जिलाधिकारी को उनके लक्ष्य से दूर कर दिया। डीएम सी रविशंकर की पहली प्राथमिकता जनता को कोरोना संक्रमण से बचाने की आ गई। डीएम ने महामारी के दौरान अपनी काबलियत को खूब दर्शाया। 24 घंटे सोशल मीडिया पर एक्टिव रहकर जनता की तमाम परेशानियों को सुना और उनको त्वरित गति से दूर भी ​किया। बेहतर रणनीति के तहत प्रशासनिक अफसरों की कार्यक्षमता का उपयोग किया। अधिकारियों को जिम्मेदारी दी और हरिद्वार की जनता को कोरोना संक्रमण से काफी हद तक सुरक्षित बचाने में महती भूमिका अदा की। महामारी के दौरान जिलाधिकारी के तौर पर ये कार्य करने तो उनकी नैतिक जिम्मेदारी थी। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती राज्य की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को संभालकर राजस्व जुटाने की थी। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस मोर्चे पर पर भी खुद को बेहतर साबित कर दिखाया। उन्होंने प्रदेश में राजस्व वसूली में पूरी ईमानदारी बरती। खनन माफियाओं पर शिंकजा कसकर रखा। अवैध खनन करने वालों पर गोपनीय टीम से छापेमारी कराकर जुर्माने की कार्रवाई की और माफियाओं के मंसूबों को नाकाम करते हुए सरकार का खजाना भरा। लेकिन तीसरी और सबसे बड़ी बात जिलाधिकारी सी रविशंकर की ये रही कि तमाम प्रशासनिक व्यवस्तताओं के बाबजूद उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास से अपना ध्यान नही हटाया। उन्होंने लालढांग क्षेत्र में अनूठा कार्य किया और प्रशासनिक अधिकारियों को जनता के घरों तक भेजा। ग्रामीणों के तमाम जरूरी दस्तावेजों को पूरा कराया। बिजली, पानी, आवास, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्रों का कार्य पूरा कराया। हरिद्वार के लालढांग की जनता ने पहली बार जिलाधिकारी को अपने घर पर समस्याओं को सुनते हुए देखा। डीएम ने जनता की उम्मीदों को पूरा किया तो सरकार पर भी जनता का भरोसा कायम हुआ। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कसौटी पर डीएम सी रविशंकर को हरिद्वार भेजने का निर्णय सही साबित हुआ। त्रिवेंद्र सरकार के लिए अच्छी और राहत की बात है। इन सबके बीच सबसे बड़ी बात ये है कि डीएम सी रविशंकर ने भ्रष्टाचारियों की फाइलों को खोलकर रख दिया। सरकार की आंखों में धूल झोंककर अपनी जेब करने वाले अधिकारी और अफसर डीएम सी रविशंकर के निशाने पर आ गए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टालरेंस की मुहिम को डीएम सी रविशंकर ने पूरा कर दिखाया। भ्रष्ट अधिकारी खौफ के साये में कार्य करने को विवश है। वैसे बताते चले कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खाते में सबसे बड़ी उपलब्धि यही कि ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अफसरों को जिले की कमान दी गई है। इससे बड़ी बात ये है कि इन अफसरों पर मुख्यमंत्री आफिस से किसी तरह का कोई दबाब नही है। सभी जिलाधिकारी जनहित के कार्यो को प्राथमिकता से करने के लिए स्वतंत्र है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की खुद की ईमानदारी अफसरों का दिल भी जीत रही है।  



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