डीएम दीपक रावत के नाम से घबराते है अवैध धंधा करने वाले, जानिये पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। जिलाधिकारी जनपद का सबसे बडे अधिकारी होता है। जिलाधिकारी के अधिकार क्षेत्र में असीमित पॉवर होती है। जनपद को विकास कार्यो में अव्वल रखने के साथ-साथ जनता की समस्याओं का निस्तारण कराना डीएम का सबसे पहला दायित्व होता है। हरिद्वार के वर्तमान जिलाधिकारी दीपक रावत जनता की इस कसौटी पर तो अभी तक खरे उतरे हैं। उन्होंने प्रशासनिक अफसर और जनता के बीच की दूरी को खत्म किया है। इसी के साथ जनहित में होने वाली तमाम शिकायतों का संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई की। अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसा हैं। यही कारण है डीएम दीपक रावत की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है। अवैध कारोबारियों में डीएम के नाम का खौफ दिखाई देने लगा है।

1
हरिद्वार जनपद की कमान संभालने के बाद से दीपक रावत हमेशा खबरों की सुर्खियों में बने रहे हैं। जनता के साथ सेल्फी खिंचवाने को लेकर उनका नाम हमेशा सोशल मीडिया में छाया रहा है। इसके अलग चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखने वाले डीएम दीपक रावत ने समय-समय पर अपनी कडक छवि से जनता को परिचित कराया है। जिलाधिकारी दीपक ने जनपद से आने वाली तमाम शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई कर अपनी प्रशासनिक शक्ति का एहसास भी जनता को कराया है। डीएम दीपक रावत ने गीत संगीत के माध्यम से जनता से नजदीकियां बढाई। तो भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई कर उनकां सुधरने की नसीहत भी दी।

2

इन सबके अलावा डीएम दीपक रावत ने मीजेल्स रूबैला की जनजागरण के लिये निकाली गई जागरूकता रैली में स्कूली बच्चों को भूखे पेट रखने के मामले में बडी कार्रवाई की। उन्होंने बच्चों के प्रेम को जगजाहिर कर दिया। डीएम दीपक रावत ने हरिद्वार जनपद के अपने चार माह के कार्यकाल में कई घोटालों को उजागर कर प्रशासनिक शक्ति से जनता को परिचित कराया। जिलाधिकारी दीपक रावत के इन सब कार्यो ने जनता का विश्वास प्रशासन पर बढाया है।
एक नजर में डीएम की छापेमारी और निरीक्षण
डीएम दीपक रावत हमेशा जनता की समस्या के निराकरण को प्राथमिकता देते हैं। इसी कारण वह जनता की परेशानी को दूर करने के लिये सरकारी ऑफिस की कुर्सी छोड़कर सडकों पर छापेमारी और निरीक्षण करने निकल पड़ते हैं। गत चार माह के भीतर उन्होंने कई छापेमारी की है। सबसे पहले खुले में शौच करने को लेकर एक सरकारी अधिकारी पर ही पांच हजार का जुर्माना ठोका था। इसके बाद तो छापेमारी का सिलसिला ही शुरू हो गया। पंतद्वीप में अवैध खनन पर छापामार कर दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिये। स्टोन क्रेशर को सीज करा दिया गया। डीएम ने शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत गरीबों के हक पर डाका डालने वाले अपात्रों के प्रमाण पत्र की जांच कराने के आदेश जारी कर दिये। भिक्षु ग्रह का निरीक्षण किया। डेंगू की रोमथाम के लिये नगर निगम की मशीनों का खुद जाकर निरीक्षण किया। गाजीवाला गांव में 42 लाख के मनरेगा घोटालों का पर्दाफाश किया तो लक्सर में 12 लाख का मनरेगा घोटाला पकड़ा। बीडीओ के वेतन रोकने के आदेश जारी किये गये। प्राथमिक स्कूलों का निरीक्षण किया। सलेमपुर में एक हडबाडा बंद करने के आदेश दिये गये।

3

पालीथीन का कूडा जलाने के चलते एक एल्यूमीनियम की फैक्टी को सील किया गया। सरकारी स्कूलों की स्थिति को सुघारने के कडे निर्देश जारी किये। इसी के साथ पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिये दुकानों और गोदामों पर छापेमारी की उनको प्रतिबंधित पॉलीथीन को बंद करने के आदेश दिये। डेंगू को दूर भगाने के लिये जनता के घरों पर पहुंचकर जागरूकता का संदेश दिया। एआरटीओ ऑफिस में छापेमारी कर गोरखधंघे का भंडाफोड किया। तहसील परिसर में जनता से मिलने गये तो स्टांप वेंडरों की मनमानी रोकने के लिये वेंडरों पर शिकंजा कस दिया। धान की तोल कराने गये तो खुद ही किसानों के साथ धान काटने जुट गये। फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने के मामले में आधार कार्ड सेंटर को सीज कर दिया। झोलाछाप चिकित्कों की दुकाने बंद करा दी। फर्जी मेडिकल स्टोर पर छापा मारा तो गलत लाइसेंस पर मेडिकल स्टोर चलने की खामियों को उजागर कर दिया।

4

स्कूली बच्चों के स्कूल वाहनों में ओवर लोडिंग की चेकिंग करने निकल गये। तो ओवर लोडिंग वाहनों को सीज करा दिया। सुलभ शौचाचय को कब्जा मुक्त कराने निकल गये तो अवैध निर्माण को ध्वस्त कराने के आदेश जारी कर दिये। इन सबके अलावा अवैध खनन की शिकायत पर छापा मारा तो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दे दिये। कुछ माह के भीतर ही डीएम दीपक रावत ने छापेमारी कर जनता में बीच अपनी एक अलग छवि बनाई है। सरकारी ऑफिस की कुर्सी छोड़कर सड़कों पर आने और छापेमारी कर जनता को समस्याओं से निजात दिलाने की उनकी कार्यशैली लोकप्रिय होने लगी। डीएम के इस छापेमारी से अवैध कारोबारियों में खौफ समाने लगा।

5
जनहित के कार्य डीएम की प्राथमिकता
जनता को जागरूक करने के जनहित के सभी कामों में डीएम दीपक रावत बढ़चढ़ का हिस्सा लेते हैं। स्कूली बच्चों को पढाने लग जाते हैं। बच्चों के बीच उनसे मेलजोल बढ़ाते हैं। समाज में अच्छा कार्य करने वाले लोगों के संपर्क में रहते हैं। तो अवैध कारोबारियों पर निगाहे तिरछी रखते हैं। सामान्य नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इस बात पर पूरी तरह से संजीदा रहते हैं। जनहित के कार्य उनकी प्राथमिकताओं में शुमार है।
सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय डीएम दीपक रावत
डीएम दीपक रावत सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय रहते हैं। फेसबुक और व्हाटसएप पर मिलने वाली शिकायतों को तत्काल संज्ञान लेते हैं। इसके अलावा अवैध कृत्यों की सूचनाओं पर तत्काल एक्शन मोड में आ जाते हैं। उनके एक्शन मोड का पता तो खुद उनके ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों को भी नहीं लग पाता है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *