नवीन चौहान
हरिद्वार लक्सर मार्ग पर स्थित एसआर मेडिसिटी हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीजों को पुर्नजन्म मिल रहा है। अधिकतम मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों को जा रहे है। लेकिन सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बात यह है कि कोरोना मरीजों से सरकारी दरों के मुताबिक ही फीस ली जा रही है। जबकि कुछ निजी अस्पताल कोरोना संक्रमण का इलाज करने की आड़ में मरीजों की खाल उतार रहे है।
कनखल जगजीतपुर पुलिस चौकी के सामने स्थित एसआर मेडिसिटी हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ एसके मिश्रा ने कोरोना संक्रमण काल में मानव सेवा को परम धर्म मानते हुए मरीजों की सेवा करने में जुटे है। दिन रात मरीजों की सेवा में तत्पर है। कोरोना मरीजों को आवश्यक दवाईयों के साथ उनका मनोबल बढ़ा रहे है। डॉ एसके मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इलाज करने के दौरान पाया गया कि अधिकतम मरीज कोरोना संक्रमण की पॉजीटिव रिपोर्ट को देखने के बाद घबरा रहे है। मरीजों को ऐसा नही करना है। मरीजों को तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना है। कोरोना संक्रमण के शरीर में प्रवेश करने से पहले ही उसको काबू किया जाना जरूरी है। यदि कोरोना संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच गया तो मरीज का जीवन बचाने में काफी मुश्किल होती है। कुछ मरीजों की मृत्यु हुई है तो पाया गया कि कोरोना के संक्रमण ने मरीज के फेफड़ों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था। जिसके बाद उनको वैंटीलेटर तक पहुंचने के बाद भी बचाया नही जा सका। हॉस्पिटल में काफी अच्छी सुविधाएं है। लेकिन मरीजों को अपनी मानसिक स्थिति को संतुलित बनाकर रखना होगा। कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने का आंकड़ा बहुत अधिक है। जबकि मरने वालों की संख्या मात्र एक से डेढ़ फीसदी है। ऐसे में आपको बिलकुल भी नही घबराना है।