शिक्षकों की मेहनत, बच्चों के परिश्रम से डीएवी सेंटेनरी स्कूल को मिला ए प्लस का गौरव




नवीन चौहान
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर ने गौरव हासिल किया है। स्कूल को शैक्षणिक गतिविधियों में लगातार कीर्तिमान बनाने के चलते सीबीएसई ने ए प्लस श्रेणी प्रदान की है। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित के कुशल नेतृत्व में शिक्षकों के अथक परिश्रम से डीएवी स्कूल के बच्चों ने शैक्षणिक गतिविधियों में लगातार तीन वर्षो तक दसवीं और बारहवीं में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए बोर्ड परीक्षाओं में शत—प्रतिशत परीक्षा परिणाम दिया। जिसके चलते सीबीएसई ने भी डीएवी स्कूल के रिजल्ट पर अपनी मोहर लगाकर ए प्लस केटेगरी से सम्मानित किया हैं। स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी की लगन और कर्तव्य परायणता का परिणाम है कि हरिद्वार का डीएवी ए प्लस केटेगरी में शुमार हैं। फिलहाल इस मुकाम को बरकरार रखने का दायित्व वर्तमान स्कूल प्रबंधकों पर है।

सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह डीएवी के तत्कालीन प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित को सम्मान पत्र देकर सम्मानित करते हुए

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून ने हरिद्वार डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर के विगत तीन वर्षो के शैक्षणिक प्रदर्शन को देखने के बाद स्कूल को ए प्लस केटेगरी का प्रशस्ति पत्र दिया है। डीएवी स्कूल के दसवीं के बच्चों ने साल 2017—2018 में 99 फीसदी और 12वीं में 98 फीसदी रिजल्ट हासिल किया। साल 2018—2019 में दसवीं में 99 फीसदी और 12वीं में 100 फीसदी रिजल्ट हासिल किया। वही साल 2019—20 में दसवीं में 100 फीसदी और 12वीं में 99 फीसदी रिजल्ट प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित किया। सीबीएसई 90 और 100 फीसदी रिजल्ट हासिल करने वाले स्कूलों को ए प्लस केटेगरी प्रदान करती है। इसी क्रम में हरिद्वार डीएवी स्कूल को यह उपलब्धि हासिल हुई। स्कूल को यह मुकाम दिलाने वाले तत्कालीन प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित 30 मई 2020 को सेवानिवृत्त हो गए है। डीएवी प्रबंधकृत समिति नई दिल्ली के प्रधान पूनम सूरी जी ने साल 2010 में हरिद्वार डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर के प्रधानाचार्य पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पीसी पुरोहित जी को दी थी। आर्य समाज के नियमों के अनुरूप चलने वाले डीएवी स्कूल को असीम ऊंचाईयों पर पहुंचाने का जिम्मा प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी ने संभाल लिय। उन्होंने प्रधानाचार्य पद की गरिमा का सम्मान बरकरार रखते हुए स्कूल को मंदिर मानकर एक पुजारी की भांति सेवा कार्य शुरू कर दिए। स्कूली बच्चों को तमाम विद्याओं में पारंगत बनाने की जटिल चुनौती को स्वीकारते हुए प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने शिक्षा, खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराने शुरू किए। स्कूल के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करते हुए बच्चों में जोश और स्फूर्ति का संचार किया। उन्होंने शिक्षकों का मनोबल बढ़ाकर रखा और बच्चों को योग्यवान बनाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी।

स्कूल प्रांगण हरा—भरा बनाने के लिए भवन और खेल मैदान के चारों और पेड़ पौधों की अनुपम छंटा बिखेर दी। स्कूल से प्रकृति प्रेम का संदेश प्रवाहित होने लगा। स्कूल ने विगत दस वर्षो में सरकारी गैर सरकारी, सामाजिक गतिविधियों में बढ़चढ़ हिस्सा लिया। गंगा सफाई अभियान, मतदाता जागरूकता दिवस,स्वच्छ भारत मिशन हो या देश पर कोरोना संक्रमण का संकट हो। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित के निर्देशन पर  डीएवी स्कूल ने पहली पंक्ति में खड़े होकर राष्ट्रसेवा की। स्कूली बच्चों ने तमाम प्रतिस्पर्धाओं में मेडल अर्जित कर स्कूल का नाम गौरवांवित किया। पीसी पुरोहित के नेतृत्व में हरिद्वार डीएवी स्कूल ने समस्त डीएवी स्कूल की बालिकाओं की नेशनल मीट का भी सफल आयोजन करने का गौरव हासिल किया। यही कारण रहा कि सीबीएसई के क्षेत्रीय डायरेक्टर रणवीर सिंह ने भी डीएवी स्कूल का निरीक्षण करने के दौरान स्कूल की तमाम व्यवस्थाओं को सराहा। उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर प्रधानाचार्य के नेतृत्व में उनके निर्देशन पर किए जाने वाले सभी कार्यो की सराहना की।

पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित

एक सफल प्रधानाचार्य बनने के पीछे पीसी पुरोहित जी में एक आदर्श व्यक्तित्व के सभी गुणों की झलक दिखलाई दी। सभी कार्यो को व्यवस्थित तरीके से करने की कार्ययोजना तैयार करना और समय प्रबंधन के अनुसार कार्य करना उनकी कार्यशैली रहा। सुबह सबेरे पांच बजे उठना और स्कूल प्रांगण का भ्रमण करना उनकी दिनचर्या का पहला कार्य होता था। स्कूल की तमाम बसों का निरीक्षण करना और बच्चों को स्कूल आने के लिए बसों की रवानगी से लेकर बसों के आने तक वह स्कूल के मुख्य द्वार पर स्वयं मौजूद रहते थे। कक्षा प्रारंभ होने के बाद सभी कक्षाओं में शैक्षणिक गतिविधियों का निरीक्षण करना उनका दूसरा कार्य था। उसके बाद अभिभावकों की समस्याओं को सुनना और अपने कक्ष में बैठकर स्कूल के तमाम दूसरे कार्यो को निबटाते थे। पीसी पुरोहित जी सभी कार्यो को व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने में यकीन रखते थे। बेहद ही मृदुभाषी पुरोहित जी ने अपने अभिभावकों को पूरा सम्मान और वक्त दिया करते थे।

डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित बच्चों को सम्मानित करते हुए

शिक्षकों के साथ मीटिंग करने के दौरान वह हमेशा बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने का मंत्र फूंकते रहे। नई शिक्षा तकनीक के अनुसार उन्होंने अपनी शैक्षणिक कार्यो में भी अभिनव प्रयोग किए। खुद को वक्त मिला तो वह क्लास में बच्चों को पढ़ाने चले जाते थे। स्कूली बच्चों में राष्ट्रभक्ति का जज्बा भरने के लिए वह सदैव समर्पित रहते थे। देर रात्रि आठ बजे से 9 बजे तक प्रधानाचार्य कक्ष में बैठकर स्कूली कार्यो को संपादित करते रहे। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी की सबसे बड़ी निष्ठा स्कूल को समर्पित थी। उनके लिए स्कूल हित सर्वोपरि रहा। स्कूल को असीम ऊंचाईयां प्रदान करने के लिए वह हमेशा प्रयत्नशील रहते थे। इसी क्रम में उन्होंने स्कूल में वैदिक चेतना सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन कराकर बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को एक सूत्र में पिरोने का अलौकिक कार्य किया। वह स्कूल से जुड़े सभी लोगों में देशभक्ति की अलख जगाते रहे। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी ने अपने कार्यकाल में तमाम भाषणों के माध्यम से स्कूली बच्चों को शिक्षा का महत्व और देशभक्ति को सबसे पहले रखा। उन्होंने अपने बच्चों को प्रेरणादायी भाषणों से हमेशा प्रोत्साहित किया। उनका मानना था कि शिक्षित व्यक्ति ही राष्ट्र के प्रति समर्पित हो सकता है और देश की सेवा कर सकता है। अज्ञानी व्यक्ति समाज के लिए खतरा उत्पन्न करते है। इसी अवधारणा के साथ प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित एक आदर्श शिक्षक के तौर पर कार्य करते दिखाई दिए।

डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित

प्रधानाचार्य पद पर सुशोभित रहने के दौरान पीसी पुरोहित ने डीएवी प्रबंधकृत समिति के प्रधान पूनम सूरी जी के उददेश्यों को पूरा कर दिखाया। हालांकि पीसी पुरोहित ने कभी भी स्कूल को शिखर पर पहुंचाने का श्रेय खुद नहीं लिया। उनका कहना था कि उनसे पूर्व प्रधानाचार्य रेणुका अरोड़ा जी ने जो पेड़ लगाया उसमें खाद पानी देने का कार्य वह करते रहे। उन्होने पेड़ की हिफाजत की और आज श्रेष्ठ स्कूलों में शामिल है। इस श्रेय के हकदार संस्था से जुड़े तमाम साथीगण है। स्कूल के सुरक्षाकर्मी से लेकर सफाईकर्मी और सभी शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के योगदान का प्रतिफल ही डीएवी को सर्वश्रेष्ठ बनाने में सफल रहा।

पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने स्कूल को ए केटेगरी प्राप्त होने पर खुशी जाहिर करते हुए पूरा श्रेय स्कूल के सभी अपने सहकर्मियों को दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों, समर्पित कार्यालय स्टॉफ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सभी के सहयोग से डीएवी स्कूल आज इस मुकाम पर पहुंचा है। उनको आगे ही इसी समर्पण भाव से कार्य करते रहना है। मुकाम हासिल करने के बाद उसका बरकरार रखना सबसे बड़ी चुनौती होता है। उन्होंने सभी स्टॉफ से अपेक्षा की है कि वह पूरे मनोभाव से स्कूल हित में कार्य करें। कोई भी संस्था पास्ट ग्लोरी से नहीं चल सकती है। गुणात्मक सुधार के लिए सतत प्रयास बहुत जरूरी है।



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