नवीन चौहान
हरिद्वार में आतंक का पर्याय बने गैंगेस्टर के दस अपराधियों को पांच—पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा तीन—तीन हजार का अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है। अर्थदण्ड जमा ना कर पाने की स्थिति में तीन—तीन माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। जबकि आरोपियों के द्वारा जेल में बिताई गई अवधि की सजा को, दी गई सजा में समायोजित करने का फैसला सुनाया है।
तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश हरिद्वार एवं विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर वरूण कुमार ने गैंगेस्टर के आरोपियों को सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता संगीता रानी ने आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत कोर्ट में प्रस्तुत किए। जबकि गैंगेस्टर केस में पैरोकारी कर रहे कांस्टेबल हर्ष जोशी ने बढ़िया तरीके से पैरोकारी की। जिससे शासकीय अधिवक्ता को कोर्ट में जिरह करने में आसानी रही। गैंगेस्टर के आरोपी इलियास उर्फ ढंगी पुत्र अली हसन, भूरा पुत्र रूद्रा, इमरान उर्फ डिब्बा पुत्र शब्बीर, राशिद उर्फ सुशन्डी, पुत्र अयूब, रिजवान पुत्र मजरा, अब्दुल पुत्र नन्हा, मुनसैद पुत्र सीददा,इकराम पुत्र नन्हा, सादी उर्फ नौशाद पुत्र कुर्बान, मारूफ पुत्र रूद्रा को सजा सुनाई गई है। हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जनपद पुलिस ने जिन अपराधियों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की थी उनको सजा मिलना पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है। अपराधियों में पुलिस का खौफ बना रहना चाहिए।
कौन होते है गैंगेस्टर के अपराधी
किसी भी जनपद के भीतर गैंग बनाकर आपराधिक वारदात करने वाले बदमाशों को पुलिस गैंगेस्टर एक्ट में कार्रवाई करती है। जिसके बाद इन असामाजिक तत्वों के खिलाफ गैंगेस्टर की धाराओं में निरूद्ध कर गैंगेस्टर कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है। ऐसे ही दस आरोपियों को सजा सुनाई गई है।