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हिंडनबर्ग ने एक बार फिर अदाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया है कि सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी और उनके पति धवल की कथित अदाणी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिंडनबर्ग ने कहा कि साक्ष्यों और 40 से अधिक स्वतंत्र मीडिया जांचों के बावजूद, सेबी ने अडानी समूह के खिलाफ कोई सार्वजनिक कार्रवाई नहीं की। वहीं दूसरी ओर हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट को सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी ने बेबुनियाद ओर गलत बताया है। सेबी चीफ और उनके पति धवल ने कहा है कि ये चरित्र हनन का प्रयास है।
हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि 18 महीने पहले अदाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन सेबी ने समूह पर कार्रवाई नहीं की। अदाणी को लेकर हिंडनबर्ग के नए आरोपों के बाद विपक्ष ने सेबी प्रमुख को घेरने का प्रयास किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अदाणी की सेबी जांच में हितों के सभी टकरावों को खत्म करने के लिए तुरंत कार्रवाई करे। जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) गठित कर जांच की मांग कांग्रेस की ओर से की गई है।