प्रवासी भारतीयों को एक सूत्र में पिरोती है हिंदी, अमेरिका से आई वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मीरा सिंह ने छात्र छात्राओं को किया संबोधित




अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य प्रवाह फिलेडेल्फिया, अमेरिका संस्थापक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मीरा सिंह ने कहा कि हिंदी प्रवासी भारतीयों को एक सूत्र में पिरोने का काम करती है। विदेशों में बसे भारतीयों की बातचीत का जरिया हिंदी भाषा ही बनती है।

डॉ. मीरा सिंह बृहस्पतिवार को हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज धनौरी के हिंदी विभाग की ओर से आयोजित एक दिवसीय प्रवासी साहित्यकार गोष्ठी को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि हिंदी और संस्कृत संस्कारों की भाषा है। बच्चे के जन्म से लेकर जीवन भर हिंदी और संस्कृत के माध्यम से हम संस्कार सीखते हैं। संस्कार केवल भारत तक सीमित नहीं है जबकि जब भारतवंशी विदेशों में जाकर बसते हैं तो हिंदी के माध्यम से हमारे संस्कार संस्कृति और सभ्यता वहां पर भी प्रचारित होती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए। एक छात्र की ओर से पूछे गए सवाल कि क्या हिंदी भाषा को कोई भविष्य नहीं है, उन्होंने कहा कि भारत में हिंदी भाषा हमेशा संभावनाशील रहेगी और वर्तमान समय में हिंदी भाषा में रोजगार के अनेक अवसर पैदा हुए हैं।
देश विदेश में हिंदी का प्रचार प्रसार करने वाले साहित्यकार डॉ. सतीश कुमार शास्त्री ने कहा कि हिंदी ने सभी भाषाओं के शब्दों को अपने आंचल में स्थान दिया है। हिंदी ऐसी भाषा है, जो अन्य भाषाओं के शब्दों को भी आसानी से ग्रहण करती है।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रही प्रबंध समिति की अध्यक्ष सुमन देवी ने कहा कि हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज में प्रवासी साहित्यकारों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को साहित्य के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कड़ी में भविष्य में भी देश विदेश के साहित्यकारों को आमंत्रित किया जाएगा और इस कार्यक्रम को एक श्रंखला के तौर पर जारी रखा जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य प्रवाह फिलेडेल्फिया, अमेरिका की ओर से की ओर से हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज प्रबंध समिति की अध्यक्ष सुमन देवी, हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रो. डॉ. योगेश कुमार और साहित्यकार डॉ सतीश कुमार शास्त्री को साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग की प्रभारी डॉ. अंजू शर्मा ने किया। इस अवसर पर आयुषी पंवार, डॉ. ऐश्वर्या सिंह, डा. ऋतु विश्नोई, डॉ भूपेंद्र सिंह, डॉ. मोहित शर्मा, शरद पांडे, नितिन सैनी, रचना वर्मा, प्रियंका सैनी, डा.साक्षी शर्मा, डा. संध्या त्यागी, डा. रविन्द्र कुमार आदि मौजूद रहे।



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