नवीन चौहान
हरिद्वार। बहुमुखी प्रतिभा के धनी जिलाधिकारी दीपक रावत जनता के दिलों पर राज करने का कोई मौका नहीं छोडते है। जनता के सबसे नजदीक होने के लिये हर क्षेत्र में अपना हाथ आजमाते है। गीत संगीत की महफिल में समां बांधना हो या खेतों में धान की कटाई सभी कार्यो में वह निपुण है। हर मौके को खास बनाने का हुनर डीएम दीपक रावत की लोकप्रियता में इजाफा कर रहा है। हाथ में दरांती लेकर धान की कटाई करने के कार्य ने डीएम को किसानों के दिलों में जगह बनाने में कामयाबी दिलाई है।
यूं तो दीपक रावत हरिद्वार के जिलाधिकारी है। माना जाता है कि डीएम से मिलना आसान नहीं होता है। डीएम में एक हनक होती है। उनके मिलने के लिये काफी मषक्कत करनी पडती है। अगर डीएम साहब को गुस्सा है तो उस दिन कोई अधिकारी और कर्मचारी उनके पास भी नहीं जा सकता है। तो जनता की तो मजाल ही क्या वह पास आॅफिस के आस-पास भी फटक जाये। हरिद्वार जनपद के जिलाधिकारी के लिये तो कम से कम ये बात लागू नहीं होती है। हरिद्वार के वर्तमान जिलाधिकारी दीपक रावत ने इस तमाम बातों को झुठला दिया है। डीएम साहब से मिलना आसान है। जनता की समस्याओं को संजीदगी से सुनना और उनको दूर कराना उनकी पहली प्राथमिकताओं में शुमार है। यहीं कारण है कि हरिद्वार की जनता के डीएम काफी नजदीक है। इन निकटताओं को और करीब लाने का वह कोई मौका छोडते भी नहीं है। ऐसा ही कुछ धान कटाई के आंकलन के अवसर पर हुआ। गये तो थे जिलाधिकारी साहब धान के खेत में आकंलन करने। लेकिन वहां तो खुद ही दरांती लेकर धान काटने में जुट गये। किसानों में उत्साह बढ गया। डीएम को अपने बीच धान काटता देख मौजूद सभी किसान प्रफुल्लित हो उठे। जब ये खबर मीडिया की सुर्खिया बनी तो डीएम की लोकप्रियता में और इजाफा हो गया। इससे पूर्व ही रक्षा बंधन के दिन कारागार में बंदियों की फारमाईष पर गाना सुनाकर डीएम साहब ने सब का मन मोह लिया था।
बच्चों के भी चहेते है डीएम साहब
जिलाधिकारी दीपक रावत जनता के साथ-साथ हरिद्वार के बच्चों के भी बहुत चहेते है। स्कूल में पढने वाला तमाम बच्चों को डीएम दीपक रावत का नाम याद है। इसकी भी एक वजह है। बच्चों को सबसे ज्यादा छुटिटयां डीएम दीपक रावत के समय में ही मिली है। यहीं कारण है कि स्कूल के बच्चे डीएम साहब से बहुत लगाव रखते है।