जौनसार बावर के स्वतंत्रता सेनानी वीर फुनकू जिनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता




नवीन चौहान.
देश की आजादी में बहुत सारे लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी और कुछ ऐसे लोग रहे जो गुमनामी में खो गए। ऐसे ही एक वीर सपूत थे जौनसार बावर परगना ग्राम पंजिया खत बाना निवासी वीर फुनकू। जिनका जन्म 10 अगस्त 1910 को हुआ था।

जिस दौर में फुनकू की बाल्यावस्था गुजर रही थी उस दौर में देश के अंदर आजादी की लड़ाई के लिए स्वतंत्रता की लड़ाई महात्मा गांधी के नेतृत्व में लड़ी जा रही थी। जौनसार बावर के जनजातीय क्षेत्र में किसी को यह मालूम भी नहीं था कि आजादी की लड़ाई कैसी है। लेकिन उस दौर में बांस के एक लंबे डंडे पर भारत का तिरंगा लहराते हुए लंगोटी पहनकर अंग्रेजों से लोहा लेने को तैयार आजादी के मतवाले वीर फुनकू जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश की आजादी और सामाजिक कार्यों में समर्पित कर दिया।

ऐसे वीर सपूत को शत शत नमन करते हैं। वीर फुनकू दास जी देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और स्वतंत्र संग्राम सेनानी महावीर त्यागी के साथ भी देहरादून व बरेली जेल में आजादी की लड़ाई के लिए जेल की सजा काटनी पड़ी। उनके ऊपर अंग्रेजों ने धारा 34/38 DIR न्यायालय उप जिला मजिस्ट्रेट चकराता के यहां बकायदा मुकदमा चलाया और उनको 3 माह वह 25 रूपये का जुर्माना किया गया। जुर्माना अदा न कर पाने पर फुनकू दास जी को एक माह का अतिरिक्त कारावास झेलना पड़ा।

19/07/1941 को वह देहरादून जेल से रिहा हुए और अपना संपूर्ण जीवन समाज सेवा में समर्पित कर दिया। फुनकू दास जी के लिए तीन मूर्ति भवन व राष्ट्रपति भवन में आने जाने के लिए कोई मनाही नहीं थी। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने फुनकू जी के आने जाने के लिए बकायदा एक ताम्रपत्र भी भारत सरकार से जारी करवाया था जिससे कि वह देश भर में कहीं भी आ जा सकते थे।

आजादी के ऐसे मत वाले को जौनसार बावर के लोग भूल गए लेकिन अब फुनकू स्मारक समिति के अथक प्रयासों से कालसी में इस महापुरुष का जन्मोत्सव कार्यक्रम हर साल 10 अगस्त को मनाया जाता है। जिससे इस स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को एक नई पहचान मिलेगी और जौनसार बावर के जनमानस को पता चलेगा कि हमारे जनजातीय क्षेत्र कितना महान है। यहां पर ऐसे महापुरुषों ने जन्म लिया जिन्होंने देश की आजादी में अपना सर्वोच्च कुर्बान कर दिया। वीर फुनकू स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को हम शत शत नमन करते हैं। आगामी 10 अगस्त 2022 को स्थान कालसी में फुनकू के जन्मोत्सव को बड़ी ही धूमधाम से मनाने की तैयारी की जा रही है।

साभार: ध्वजवीर सिहं, प्रवक्ता वीर फुनकू स्मॉरक समिति कालसी।



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