घर पर बनाए होली के ईको फ्रेंडली रंग, नहीं होगा त्वचा को नुकसान




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न्यूज 127.
होली खुशियों का पर्व है। रंगों के इस पर्व को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। होली के रंगों में आजकल केमिकल का इस्तेमाल अधिक होने लगा है, जिससे त्वचा को नुकसान पहुंचता है। बाजार में उपलब्ध केमिकल रंगों के बजाए यदि प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाए तो न केवल यह लाभकारी होगा बल्कि शरीर को भी नुकसान पहुंचाने से बचाएगा।

बाजार में उपलब्ध केमिकलों से युक्त रंगों के बदले पलाश के फूलों के रंग से अथवा अन्य प्राकृतिक रंगों से होली खेलनी चाहिए। इससे सप्तरंगों व सप्तधातुओं का संतुलन बना रहता है।

मेंहदी पाऊडर के साथ आँवले का पाऊडर मिलाने से भूरा रंग। चार चम्मच बेसन में दो चम्मच हल्दी पाऊडर मिलाने से अच्छा पीला रंग बनता है। बेसन के स्थान पर आटा, मैदा, चावल का आटा, आरारोट या मुलतानी मिट्टी का भी उपयोग किया जा सकता है।

दो चम्मच हल्दी पाउडर दो लीटर पानी में डालकर अच्छी तरह उबालने से गहरा पीला रंग प्राप्त होता है। इसके अलावा आँवला चूर्ण लोहे के बर्तन में रात भर भिगोने से काला रंग तैयार होता है। इन प्राकृतिक रंगों से होली खेलने से शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।