नवीन चौहान, रानीबाग के चित्रशिला घाट पर महिला दरोगा माया बिष्ट को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम दिखी। पुलिस महकमे के आला अधिकारी और शहर के सैकड़ों लोग अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे। डीआईजी और एसएसपी ने माया बिष्ट की अर्थी को कांधा भी दिया। माया बिष्ट के देवर ने चिता को मुखाग्नि दी।
- माया बिष्ट पुलिस महकमे की एक होनहार और कर्तव्यनिष्ठ महिला दरोगा थी। अपनी डयूटी हर मौके पर पूरी इमानदारी और निष्ठा से निभायी।
- पीड़ित की मदद करने में वह कभी पीछे नहीं रहती थी। पुलिस की वर्दी पहनने के बाद उन्होंने अपने फर्ज को प्राथमिकता दी।
- माया बिष्ट को खोने का गम पूरे पुलिस महकमे में देखने को मिला।
- चार दिन पहले माया बिष्ट वीआईपी डयूटी पर जाते समय एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी।
- उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
- अंतिम यात्रा के दौरान डीआईजी जगतराम जोशी और एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने माया बिष्ट के पार्थिव शरीर को कंधा दिया।
- चित्र शिला घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
- इस दौरान ‘जब तक सूरज चांद रहेगा माया तेरा नाम रहेगा’ के नारों से पूरा घाट गूंज उठा।
- इससे पूर्व डीआईजी जगतराम जोशी डीएम सवींन बंसल, एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष कुमार, लालकुआ कोतवाल योगेश चंद्र उपाध्याय, हल्द्वानी कोतवाल विक्रम राठौर, सहित दर्जनों पुलिस कर्मियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किये।