हरिद्वार के तीन दर्जन से अधिक ​बच्चे निकले बदमाश बनने की राह





योगश शर्मा
हरिद्वार के तीन दर्जन से अधिक बच्चे बदमाश बनने की राह पर निकल चुके है। राजनैतिक पार्टियों की रैलियों में झंडे उठाने से शुरू हुआ सिलसिला अब उनको अपराध की दुनिया में पूरी तरह से धकेल चुका है। युवावस्था की दहलीज पर कदम रखते ही इन बच्चों को असलहों को कमर से सटाकर रखना पसंद है। सरेराह मारपीट करना, लोगों को डराना धमकाना उनकी खूबियां है। पुलिस ने ऐसे करीब 30 से 35 बच्चों को तस्दीक किया है। यह सभी बच्चे अपराध की दुनिया में अपने कदम रख चुके है।

ऐसे में विचारणीय है कि बच्चों के अपराध की राह में निकलने के लिए समाज में कौन जिम्मेदार है .परिवार, स्कूल, राजनैतिक पार्टियां या फिर भौतिक सुख सुविधाएं। बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते है। बच्चे शिक्षित होंगे और ताकतवर होंगे तो राष्ट्र मजबूत होगा और उन्नति के ​पथ पर अग्रसर होगा। लेकिन आज का युवा नशे की लत में है। 12 से 14 साल के युवा मादक पदार्थो का सेवन कर रहे है। नशे के लत को पूरा करने के लिए चोरी और लूट तक करने पर आमादा है।
परिवार से झूठ बोलकर राजनैतिक पार्टियों की रैलियों का हिस्सा बन रहे है।

नेताओं के संरक्षण में इन बच्चों को बल ​मिल रहा है। जेब खर्च की पूर्ति हो रही है। जिससे की बच्चों को अपने नशे का सामान लेने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नही होती। इन बच्चों को राजनीति की अक्षरज्ञान नही होता लेकिन अपने नेता की भीड़ का हिस्सा बनने के लिए उनके पीछे चलते रहते है। ऐसे ही नेताओं की भीड़ का हिस्सा बनने वाले और नेताओं के एक इशारे पर मारपीट करने वाले करीब तीन दर्जन से अधिक बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। यह सभी बच्चे पुलिस की आंखों के तारे बने है। पुलिस इन बच्चों की मासूमियत पर हैरान भी है और उनको गिरफ्तार करने के लिए परेशान भी है।

ऐसे में सबसे बड़ी बात यह है कि जवानी के जोश के बाद जब इन बच्चों को होश आयेगा तो जिंदगी बहुत उलझी होगी। कोर्ट कचहरी के चक्कर होंगे। भविष्य अंधेरे में होगा।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *