मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल पर नगर निगम क्षेत्रों का बदलेगा स्वरूप




गगन नामदेव
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नगर निगम क्षेत्रों का सर्वागीण विकास करने के लिए जन प्रतिनिधियों को काम करने की छूट दी है। उन्होंने नगर निगम क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण, रखरखाव आदि के सम्बन्ध में विभिन्न विभागों के मध्य नीति तैयार करने सम्बन्धी बैठक में मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्देश दिये हैं कि शहर के आबादी वाले क्षेत्रों में मुख्य मार्गों के निर्माण में ब्लैक टाप इन्टर लाकिंग सीसी टाइल्स अथवा ब्रिक आन एज तथा पक्की नाली निर्माण का प्राविधान अवश्य रखा जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में पूर्व में कैबिनेट द्वारा लिये गये निर्णय के क्रम में नये मोटर मार्गों के सामान्य अनुरक्षण कार्य हेतु तीन वर्ष तक के लिये निर्माण के अनुबंध में ही प्राविधान कर दिया जाए तथा तीन वर्षों हेतु निर्माण लागत 3 प्रतिशत की दर से प्राविधानित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि इन मार्गों के लिये सामान्य अनुरक्षण मद से कोई धनराशि नहीं दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अब नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत मार्गों के रख रखाव व नव निर्माण कार्यों को जन प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्रों में क्षेत्र की आवश्यकता के अनुरूप जहां जरूरत महसूस हो सड़क निर्माण आदि का कार्य करा सकेंगे किन्तु इसके लिये उन्हें नगर निगम से एनओसी. लेनी होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में नये आन्तरिक मार्गों का निर्माण, नवीनीकरण का कार्य सम्बन्धित विकास प्राधिकरणों के द्वारा किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न नगर निगमों के क्षेत्रान्तर्गत मार्गों के निर्माण एवं रख रखाव का कार्य करने वाले लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, विकास प्राधिकरण अथवा अन्य विभाग इस सम्बन्ध में आपसी समन्वय से कार्य करें ताकि पूर्व निर्मित मार्गों के स्वामित्व यूटिलिटी सम्बन्धी कार्यों एवं रख रखाव आदि में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों का निराकरण हो सके। बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आरके. सुधांशु, शैलेश बगोली, मुख्य अभियन्ता लोनिवि हरिओम के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।



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