पुलिस कांस्टेबल खटारा वाहनों से कर रहे हाईटेक अपराधियों का पीछा




नवीन चौहान
उत्तराखंड सरकार की जीरो टालरेंस की मुहिम पुलिस महकमे में हवा हवाई हो गई हैं। सरकार की ओर से पुलिस महकमे को हाईटेक बनाने की कोई कवायद भी नहीं की जा रही हैं। इसका सबसे बड़ा प्रमाण ये है कि कांस्टेबल पुरानी और खटारा बाइक पर गश्त और चेकिंग कर रहे हैं। जनता के बीच में सबसे ज्यादा नजर आने वाले चेतक पुलिस कांस्टेबल खटारा वाहनों से ही हाईटेक अपराधियों का पीछा करते दिखाई पड़ रहे है। जबकि कुछ पुलिस कांस्टेबल तो अपने निजी वाहनों का प्रयोग भी सरकारी काम में कर रहे हैं। पुलिस कांस्टेबल की बेवसी कहे या मजबूरी अनुशासित विभाग में उसको हाईटेक बनाने की कोई पहल नहीं की जा रही है। पुलिसकर्मियों के वाहनों में पैट्रोल की लिमिट को भी बढ़ाया नहीं जा रहा है। पुलिस अफसरों और अपने अधिकारियों के आदेश का पालन करने के लिये कांस्टेबल अपने ही वाहनों से सरकारी डयूटी पूरी कर रहा हैं। ऐसे में कांस्टेबल से जीरो टालरेंस की कसौटी पर खरा उतरने की उम्मीद करना खुद को धोखा देना ही कहा जायेगा।
पुलिस महकमे में कांस्टेबल रीढ़ की हड्डी की तरह होता हैं। एक फोन कॉल पर सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचने वाला पुलिस कांस्टेबल ही होता है। कोतवाली और थानों में तैनात कांस्टेबल को इस कार्य के लिए सरकारी बाइक मिलती है। लेकिन कई दशक पूर्व मिली ये तमाम बाइक अब जर्र-जर्र हो चली है। जबकि कुछ बाइकों को मरम्मत कराकर प्रयोग में लाया जा रहा है। मरम्मत कराने वाले वाहनों की स्थिति ऐसी है कि उनको तेज रफ्तार में भगाया नहीं जा सकता हैं। जबकि पुलिस विभाग की से मिलने वाले वाहन पूरी तरह से खटारा हो चुके हैं। कुछ कंडम वाहन तो थानों के कबाड़खाने में पड़े हैं। एक चेतक वाहन को मिलने वाला तेल भी दशकों से 35 लीटर ही चला आ रहा हैं। जबकि पुलिसकर्मियों के क्षेत्रफल में काफी इजाफा हो गया है। ऐसे में सरकार की जीरो टालरेंस की मुहिम पुलिस महकमे में दमतोड़ती दिखाई पड़ रही हैं। कांस्टेबल दबी जुबान से अधिकारियों के आदेशों का पालन कर रहे है।
एसएसपी जन्मेजय खंडूरी  से जब इस बावत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पुलिस महकमे को चलाने के लिए एक निर्धारित बजट जारी होता है। उसी के अनुरूप खर्च करना होता है। जो कांस्टेबल अपने वाहनों का प्रयोग सरकारी कार्य में करते है तो उनको मरम्मत और पैट्रोल का भुगतान किया जाता हैं। —————



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *