प्रतिबिंव में बदमाशों और संदिग्धों का चेहरा और कुंडली
नवीन चौहान, हरिद्वार। बदमाशों और संदिग्धों के आपराधिक रिकार्ड और उनकी गतिविधियों के ब्यौरे को प्रतिबिंव में एकत्रित किया जा रहा है। इस रिकार्ड को जुटाने के लिये जनपद के सभी थानों की पुलिस पूरी शिद्दत से कार्य कर रही हैं। प्रतिबिंव में सभी डाटा एकत्रित करने के बाद जनपद पुलिस को बदमाशों की कुंडली खंगालने में सिर खपाने की जरूरत नहीं होगी साथ ही आसानी से बदमाशों की शिनाख्त भी हो जायेगी। मारपीट और झगड़े करने वाले लोग चिंहित हो जायेंगे तथा गुमशुदा को खोजने में भी हरिद्वार पुलिस को मदद मिलेगी।
एसटीएफ एसएसपी का कार्यभार देखने के दौरान आईपीएस रिधिम अग्रवाल ने प्रतिबिंव नाम से एक साफ्टवेयर तैयार कराया था। इस साफ्टवेयर का मुख्य उद्देश्य राज्य में अपराधिक वारदात करने वाले बदमाशों और संदिग्धों की क्रिमिनल हिस्ट्री का एक डाटा वेस तैयार करना था। तत्कालीन एसएसपी एसटीएफ रिधिम अग्रवाल ने करीब डेढ़ माह पूर्व इस साफ्टवेयर का एक पुलिस मुख्यालय में सब अधिकारियों के बीच रखा तो सभी ने इस साफ्टवेयर की सराहना की। एसटीएफ अपराधियों के डाटा वेस को प्रतिबिंव में अपलोड करने में जुटी थी। इसी बीच रिधिम अग्रवाल को हरिद्वार जनपद में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पद पर तबादला कर दिया गया। हरिद्वार जैसे बड़े और संवेदनशील जनपद पुलिस की कमान संभालने के बाद एसएसपी रिधिम अग्रवाल ने बदमाशों और संदिग्धों की कुंडली को प्रतिबिंव में अपलोड करने के निर्देश पुलिस को दिये। एसएसपी के निर्देशों का पालन करते हुये सभी थानों की पुलिस ने कुख्यात बदमाश संजीव जीवा, सुनील राठी, सचिन खोखर से लेकर मामूली मारपीट की गतिविधियों में संलिप्त रहने वाले झगड़ालू प्रवत्ति के लोगों का ब्यौरा इस साफ्टवेयर में अपलोड करना शुरू कर दिया। बदमाशों की फोटो और उनका आपराधिक इतिहास और वर्तमान ठिकाना सभी कुछ इस साफ्टवेयर में एकत्रित किया जा रहा है। इस साफ्टवेयर को पुलिसकर्मी कहीं पर भी किसी भी स्थान पर अपने मोबाइल में देख सकते है। पुलिस को बदमाशों की पहचान करने में आसानी होगी।
पुराने बदमाशों की भी होगी पहचान
प्रतिबिंव साफ्टवेयर की मदद से पुलिस करीब 40 साल पुराने बदमाश की भी पहचान कर लेगी। बदमाशों की वर्तमान फोटो को डालते ही 40 साल पुरानी फोटो से मिलान हो जायेगा। इस साफ्टवेयर के कारण पुलिस बदमाशों को आसानी से शिनाख्त कर सकेगी।