हरिद्वार संगठित गिरोह बनाकर अपराध करने के मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश वरुण कुमार ने सुनील राठी व उसके दो साथियों प्रवीण वाल्मीकि और मांगा त्यागी को दोषी पाते हुए दस 10,10 वर्ष के कठोर कारावास वह 20 ,20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई न्यायालय ने मोहित पुत्र महक सिंह व सचिन तोमर पुत्र रामकुमार को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया।। विशेष अभियोजन अधिकारी संगीता ने बताया कि वर्ष 2010 में रुड़की कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दिनेश सिंह भंडारी ने कोतवाली में कुख्यात सुनील राठी पुत्र नरेश राठी निवासी ग्राम टिकरी थाना दोघट जिला बागपत हरिद्वार व उसके साथियों प्रवीण वाल्मीकि पुत्र मोहन लाल उर्फ मदन लाल निवासी नई बस्ती थाना गंगा जिला हरिद्वार, मांगा त्यागी पुत्र स्वर्गीय रामकिशोर निवासी अधियाना थाना नकुड जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश , मोहित पुत्र महक सिंह निवासी रहमतपुर थाना भोपा जिला मुजफ्फरनगर, सचिन तोमर पुत्र रामकुमार निवासी तेजल हेड़ा थाना पुरकाजी जिला मुजफ्फरनगर के खिलाफ समाज में संगठित गिरोह बनाकर अपराध करने , जनता को डराने , अवैध तरीके से धन वसूली करने लूट व हत्या जैसे जघन्य अपराध करने का आरोप लगाते हुए इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया था न्यायालय ने पुलिस की ओर से दाखिल आरोपपत्र के आधार पर 2 नवंबर 2011 को गैंगस्टर एक्ट की धारा 2/3 के तहत आरोप तय किए थे सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से नौ गवाह पेश किए गए थे दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट वरुण कुमार ने सुनील राठी पुत्र नरेश राठी, प्रवीण वाल्मीकि पुत्र मोहनलाल उर्फ मदनलाल, मांगा त्यागी पुत्र स्वर्गीय रामकिशोर को गिरोह बनाकर अपराध के मामले का दोषी पाते हुए 10,10 वर्ष के कठोर कारावास 20,20 हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई जबकि आरोपी मोहित पुत्र महक सचिन तोमर पुत्र रामकुमार को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया ।