नवीन चौहान.
दादरी तहसील के लेखपाल शीतला प्रसाद ने गौतमबुद्ध नगर के चिटहेरा गांव में दलित समाज के कई लोगों व अन्य ग्रामीणों को डराने धमकाने और फर्जी मुकदमों में जेल भिजवाने के बाद दबाव बनाने के मामले में भूमाफिया यशपाल तोमर व उसके नौकरों, चालक, रिश्तेदार, एक महिला समेत नौ आरोपियों के खिलाफ कोतवाली दादरी में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है। बताया जा रहा है कि इनमें तीन नाम ऐसे हैं जो उत्तराखंड के तीन बड़े अफसरों के परिवार और रिश्तेदारी से हैं।
पुलिस के मुताबिक दादरी कोतवाली क्षेत्र के गांव चिटहेरा में भूमाफिया यशपाल ने वर्ष 2012 में गांव के दलित और अन्य समाज के लोगों के पट्टों की जमीन का अनुबंध जबरन परिचितों के नाम कराया लिया था। वर्ष 2016 में यशपाल ने पट्टे की जमीन का बैनामा कराने की तैयारी की थी।
अनुबंधित जमीन का सामान्य वर्ग के लिए बैनामा न होने पर उसने दलित समाज के कृष्णपाल, बैलू और कर्मवीर के नाम से साठगांठ कर फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवा लिए। इसके बाद पट्टे की जमीन का बैनामा यशपाल तोमर, त्रिदेव प्राइवेट लिमिटेड के नरेंद्र कुमार, कर्मवीर, वैलू, कृष्णपाल, एम भास्करण, केएम संत उर्फ खचरेमल, गिरीश वर्मा और सरस्वती देवी के नाम करा लिया।
जिन लोगों के नाम बैनामे कराए गए उनमें भू माफिया यशपाल तोमर के नौकर, चालक, रिश्तेदार व दोस्त शामिल हैं। गांव के जिन लोगों ने जमीन का बैनामा नहीं किया, उनसे जबरन तरीके से दबाव बनाकर बैनामा कराए गए।
जो ग्रामीण अपनी जमीन बेचने से मना करते थे उनके खिलाफ यशपाल तोमर दूसरे राज्यों में मुकदमें दर्ज करा देता था। इसी तरह फर्जी मुकदमे उसने दिल्ली के कश्मीरी गेट, गीता कॉलोनी, पंजाब के जीआरपी भटिंडा, राजपुर, फाजिलका, राजस्थान के पीलीबंगा, उत्तराखंड के कनखल, लक्ष्मण झूला थाने में दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया था।
वहीं दूसरी ओर इस मामले में जिलाधिकारी के आदेश पर उपजिलाधिकारी दादरी ने चिटहेरा गांव के लेखपाल शीतला प्रसाद को निलंबित कर दिया है। बताया गया कि लेखपाल शीतला प्रसाद पिछले 9 साल से गांव का लेखपाल था। चिटहेरा भूमि घोटाले में लेखपाल की बड़ी लापरवाही भी सामने आयी है।
बताया जा रहा है उसके पास घोटाले की जांच थी लेकिन उसने इसकी जानकारी नहीं दी। लेखपाल को एसडीएम कार्यालय से अटैच किया गया है। उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है।