कोरोना पर भारी पड़ी बेरोजगारी और भुखमरी, निगलेगा कोरोना का जिन्न




नवीन चौहान
कोरोना संक्रमण का जिन्न आपको अपने आगोश में लेने को तैयार है। लेकिन आप पूरी तरह से बेखबर और लापरवाह बने हुए है। कोराना का खतरा बरकरार है। जबकि जनता सड़कों पर निकलने को बेकरार है। लॉक डाउन के बाद मिली छूट से जनता बिलकुल बेपरवाह हो गई है। जनता कोरोना के खौफ से बेखौफ होकर जनता लापरवाही बरत रही है। सोशल डिस्टेंसिंग को जनता भूल गई है। पूर्व की भांति ही तमाम गतिविधियां संचालित होने लगी है। दो पहिया वाहनों पर दो से तीन लोग सवारी कर रहे है। दुकानों पर लोगों की भीड़ जुटी है। ऐसे में कोरोना संक्रमण कब आपको अपनी चपेट में लेगा इसका अंदाजा आपको नहीं है। लेकिन जनता की इस बेबकूफी पर सरकार और प्रशासन की मुश्किले बढ़ती जा रही है। जनता को ज्यादा दिन घरों में बंद रख पाना सरकार के लिए संभव नही है। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों में रहकर जीने की आदत भारत के लोगों को नही है। लोगों की लापरवाही आने वाले दिनों में एक भयंकर तबाही का संकेत दे रही है। ऐसे में इस महामारी से कैसे निबटा जायेगा ये बात सरकार और प्रशासन को परेशान कर रही है। ​फिलहाल कोरोना महामारी का भयंकर परिणाम तो भविष्य के गर्भ में छिपा है। लेकिन हमको खुद ही अपनी सुरक्षा करके कुछ हद तक खुद को बचाकर रखने की जिम्मेदारी तो उठानी ही पड़ेगी।
चीन के बुहान से निकला कोरोना का संक्रमण भारत में प्रवेश लगा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूचे भारत में लॉक डाउन कर दिया। सभी देशवासियों को घरों में रहने की भावनात्मक अपील की और सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला अपनाने की सलाह दी। जिसके बाद पूरा भारत मानों बंद हो गया। सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। पुलिस, सफाईकर्मी, ​चिकित्सक और समाजसेवी संगठनों ने देश की तमाम जिम्मेदारी संभाल ली। गरीब तबके की तमाम जरूरतों को पूरा किया और लोगों को भोजन, राशन व तमाम जरूरी सामान दिया। करीब दो माह से भी अधिक समय तक चले लॉक डाउन के बाद देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई। बाजार और कारोबार बंद होने से सरकार को आर्थिक संकट की भयावह तस्वीर दिखाई देने लगी। इधर जनता का बुरा हाल हो गया। बेरोजगारी का दौर शुरू हो गया। दो महीने की लॉक डाउन अवधि में जनता त्राहिमाम करने लगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धर्म संकट की स्थिति में दिखाई दिए। एक तरफ बेरोजगारी, भुखमरी और दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण से मौत का खतरा। लेकिन सरकार ने भूखी प्यारी जनता को लॉक डाउन में छूट देने का कठोर निर्णय करते बाहर निकलने की आजादी दे दी। वही प्रवासी नागरिकों को उनके घरों पर भेजने की व्यवस्था भी की। यहां तक तो सब ठीक चलता रहा। लेकिन प्रवासी नागरिेकों को अपनी चपेट में ले चुका कोरोना संक्रमण अब राज्यों में प्रवेश कर चुका था। सभी राज्यों की स्थिति खराब होने लगी है। वही लॉक डाउन में छूट के बाद 8 जून को होटल, रेस्टोरेंट व तमाम वाणिज्यीय संस्थानों को खोलने की अनुमति दे दी। सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक के लिए मिली इस छूट के बाद जनता पूरी तरह से लापरवाह हो गई। अगर उत्तराखंड की बात करें तो यहां करीब 1500 संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। आने वाले दिनों में ये संख्या बहुत बढने की संभावना है। ऐसे में इस संक्रमण से बचने का मात्र एक ही उपाय है सोशल डिस्टेंसिंग। आप संक्रमण से बचना चाहते है तो सोशल डिस्टेंस बनाकर रखिए। फिलहाल हरिद्वार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 143 पहुंच गई है। जिसके तेजी से बढ़ने के आसार नजर आ रहे है। आपको अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए खुद को कोरोना संक्रमण से बचाकर रखना जरूरी है।



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