पानी के अनावश्यक प्रयोग पर रहेगी नजर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बनाई पेयजल टेरिफ पुनरीक्षण के लिए समिति




नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशन में हुई बैठक में जल के अनाधिकृत प्रयोग को रोकने की दृष्टि से, बोरिंग कर भूजल के माध्यम से अथवा अन्य जल संयोजनों से पेयजल प्राप्त करने वाले उपयोगकर्ताओं से वार्षिक जलकर लिए जाने, जहां सीवर संबंधी व्यवस्था संचालित हो और किसी भवन प्रतिष्ठान द्वारा सीवर संयोजन नहीं लिया जा रहा है, ऐसे भवन प्रतिष्ठानों से भवन के वार्षिक मूल्याकन के आधार पर वार्षिक सीवर कर लिए जाने के साथ ही भूजल एवं सतही जल के दोहन के दुरूपयोग को रोकने के दृष्टिगत किराये के टेंकरों से जलापूर्ति के लिए पंजीकरण की व्यवस्था किए जाने पर भी चर्चा की गई।
शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में पेयजल टेरिफ पुनरीक्षण से सम्बन्धित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल मूल्य एवं सीवर अनुरक्षण दरों हेतु वर्तमान में लागू टेरिफ दरों की जटिलता का सरलीकरण किया जाना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने नगर विकास एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री को इस सम्बन्ध में सभी तथ्यों का आकलन कर अपनी संस्तुति देने को कहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में पेयजल टेरिफ पुनरीक्षण के लिए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक एंव उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा धन सिंह रावत की समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। समिति इस प्रकरण में विस्तृत रूप से तथ्यों का आकलन कर शीघ्र अपनी संस्तुति मुख्यमंत्री को उपलब्ध कराएगी, इसके पश्चात् इस संबंध में नीतिगत निर्णय लिया जाएगा। बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा धन सिंह रावत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव पेयजल नितेश झा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डा पराग मधुकर धकाते के साथ ही पेयजल विभाग के विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।



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