भूमाफियाओं की दबंगई, उत्तराखंड पुलिस के दरोगा की कब्जा ली पुस्तैनी जमीन




नवीन चौहान
उत्तराखंड में भूमाफियाओं के हौसले बुलंदी है। हद तो तब हो गई जब भूमाफियाओं ने उत्तराखंड पुलिस के एक दारोगा की पैतृक जमीन पर ही कब्जा कर लिया। दरोगा पुस्तैनी भूमि को वापिस पाने के लिए दर—दर की ठोकरे खाने को विवश है। जब पीड़ित ने मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ समेत, समाधान पोर्टल समेत कई जगहों पर शिकायत दर्ज कराई। करीब दो साल धक्के खाने के बाद पीड़ित दारोगा की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ। लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पीड़ित इंसाफ के लिए भटक रहा है। इसी संबंध में पीड़ित दरोगा ने एसएसपी पौड़ी को विवेचाधिकारी की शिकायत के लिए पत्र दिया है।
हरिद्वार के बैराज कॉलोनी निवासी नरेश चंद्र बौठियाल उत्तराखंड पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत है। नरेश चंद्र बौठियाल मूल रूप से गांव भदाली वल्ली, शीला तहसील कोटद्वार जिला पौड़ी के निवासी है। वही पर दरोगा नरेश चंद्र की करीब 23 नाली पुस्तैनी भूमि को भूमाफियाओं ने दबंगई दिखाते हुए कब्जाने का प्रयास किया। पीड़ित ने भूमाफियाओं का विरोध किया और जमीन से भगा दिया। जिसके बाद भूमाफियाओं ने गलत तरीके से दाखिल खारिज कराकर जमीन कब्जाने का प्रयास किया। जब इस बात की जानकारी नरेश चंद्र बौठियाल को हुई तो उसने जमीन के वास्तविक दस्तावेज लेकर दाखिला खारिज निरस्त कराने की कार्रवाई शुरू की। इसी के साथ आरोपियों की शिकायत तमाम उच्चाधिकारियों से की। पीड़ित नरेश चंद्र बौठियाल ने अपनी पैतृक भूमि को वापिस पाने के लिए कानून का सहारा लिया और कानूनी कार्रवाई शुरू की। नरेश चंद्र बौठियाल की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पीड़ित नरेश चंद्र बौठियाल की तहरीर पर जमीन ब्रिकेता रुस्तम अली और खरीददार गिरीश, भूपेंद्र, रन्जू, लक्ष्मण, नुपुर, अनिल दलाल मुकेश, हेमू आदि पर मुकदमा दर्ज हुआ। पीड़ित नरेश चंद्र बौठियाल ने बताया कि आरोपियों ने तहसील कर्मचारियों के साथ मिलकर षड्यंत्र रच कर हमारे सहखाते धारक पीड़ित संतोष, जीतू, किरण, सुशील, गणेश, सूखी, सुरेश, कृष्ण चन्द्र, प्रकाश एवं मेरे पुस्तैनी कब्जे वाली भूमि को भूमाफियाओ ने अवैध बैनामें से एवं घोषणा पत्र में जाली हस्ताक्षर कर वाकर झूठी रिपोर्ट लगवाकर दाखिल खारिज कराकर अवैध रूप से जमीन खरीद फरोख्त की है। जिसके कारण पीड़ित नरेश चंद्र बौठियाल और सहखातेधारको को क्षति हुई है। इसी संबंध 6 दिसंबर 2019 को थाना कोटद्वार में मुकदमा अपराध संख्या 308 दर्ज हुआ लेकिन तहरीर के अनुसार धारा नहीं लगाई गई। वही दूसरी ओर इस मुकदमे में तहसीलदार की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। विवेचनाधिकारी उप निरीक्षक ओमप्रकाश चौकी प्रभारी दुगड्डा इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहे है। विवेचनाधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि पीड़ित नरेश चंद्र बौठियाल के बयान दर्ज किये जाने है। जबकि पीड़ित का कहना है कि अपने बयान एसएसपी पौड़ी की मेल पर और विवेचनाधिकारी के व्हाटसअप पर भेज दिए गए है। ऐसे में पीड़ित को इंसाफ के लिए किस कदर ठोकरे खानी पड़ रही है। इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते है।



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