जिले के मुस्लिम बहुल कस्बे सिवालखास में सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल देखने को मिली। यहां खुले में रखे एक ट्रांसफार्मर की चपेट में आकर एक बंदर की मौत हो गई। यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बंदर को लाल कपड़े में लपेटकर उसकी अंतिम यात्रा निकाली औीर संस्कार किया।
सिवालखास में बस स्टैंड पर खुले में रखे ट्रांसफामर्र की वजह से लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। रविवार को एक बंदर इसकी चपेट में आ गया। मोहल्ले के लोगों ने इस बंदर का नाम रामू रखा हुआ था। यह बंदर एक तरह से पूरे मोहल्ले का पालतू था और घरों के आंगन के अंदर खड़े पेड़ों पर झूलता था। वहीं लोग उसे खाने का सामान देते थे। कई बार यह बंदर बच्चों के साथ भी खेलता था। रविवार को बंदर की मौत के बाद मोहल्ले में मातम की स्थिति रही। मोहल्ले के ही मोहम्मद अनवर कुरैशी, मोहम्मद राशिद, मोहम्मद शोएब, चंगेज खान, मोहम्मद शकली, कपिल उपाध्याय, जीशान, शाहनवाज, हाजी जमीन और शिव कुमार शर्मा आदि ने बंदर की अंतिम यात्रा निकाली और लाल कपड़े में लपेटकर अंतिम संस्कार किया।