नईदिल्ली। सरकार द्वारा कालेधन बाहर निकालने के लिये शुरू की योजना में बीते सिंतबर माह तक 65 करोड़ से अधिक का कालाधन कर के दायरे में आ गया है। इसकी जानकारी शनिवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने दी। जेटली के अनुसार भारत सरकार ने देश के अंदर रखे कालेधन को कर के दायरे में लाने के लिये आया घोषणा योजना को शुरू किया है। इसमें सिंतबर माह की अंतिम तारीख तक 65 करोड से अधिक रूपये की बेनामी संपत्ति की घोषणा संबंधितों ने की है। वित्त मंत्री के मुताबिक इस योजना के तहत 64,257 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने कालेधन का खुलासा किया है उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की जाएगी। यह माना जा रहा है कि हैदराबाद कालेधन का खुलासा करने वाले शहरों में पहले नंबर पर है।
चार माह तक चली याेजना में हुआ यह लाभ
वित्त मंत्री जेटली के अनुसार सरकार ने अपनी इस योजना को चार माह तक के लिये खोला था, इसकी अवधि 30 सिंतबर को समाप्त हो गई है। इस अवधि में 65 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति को घोषित किया गया। जेटली ने इस राशि में ओर अधिक बढ़ोतरी होने की भी संभावना से इनकार नहीं किया है।
मालूम हो कि सरकार ने देश में रखे कालेधन को वैध करने के लिये योजना लागू की है और इसके लिये कालाधन रखने वाले को अपनी बेनामी संपत्ति को घोषित करते हुये निर्धारित जुर्माना सरकार को देना होता है। जेटली के अनुसार सरकार को अपनी इस योजना में सफलता मिली है।इस योजना से उम्मीद की जा रही है कि जुर्माने के रूप में करीब 30 हजार करोड़ रूपयें सरकार के खाते में आयेगें।