झूठे आरोप लगाने वाली बर्खास्त शिक्षिका को भेजा गया कानूनी नोटिस




हरिद्वार। डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल बर्खास्त शिक्षिका को कानूनी नोटिस भेजा गया है। यह नेाटिस शिक्षिका के उस वीडियो को लेकर भेजा गया है जिसे उसने सोशल मीडिया पर वायरल कर स्कूल और प्रधानाचार्य पर गंभीर आरोप लगाकर बदनाम करने का प्रयास किया है। प्रधानाचार्य पीसी पुरो​हित के अनुसार यह नोटिस अधिवक्ता अरूण भदौरिया के माध्यम से भिजवाया गया है।

डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने बताया कि इस स्कूल में अनुराधा गुप्ता साल 1997 से बतौर शिक्षिका कार्य करती थी। सन् 2003-2004 से अनुराधा गुप्ता ने तत्कालीन प्रधानाचार्या के विरूद्ध मैनेजमेंट को पत्र लिखने शुरू कर दिए। वर्ष 2009 में पीजीटी पद पर नियुक्ति होने के बाद अनुराधा गुप्ता ने अपने वेतन विसंगति के अतिरिक्त कई अन्य मामलों को लेकर डीएवी मैनेजमेंट से पत्राचार किया। जांच के दौरान डीएवी मैनेजमेंट, नई दिल्ली ने अनुराधा के वेतनमान को सही पाया।
प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित के अनुसार शिक्षिका अनुराधा गुप्ता को मैनेजमेंट की रिपोर्ट से संतुष्टि नहीं हुई। वर्ष 2010 में तत्कालीन प्रधानाचार्या रेणुका अरोड़ा ने स्कूल से वीआरस ले लिया। उसके बाद इस पद पर साल 2010 में स्कूल में नये प्रधानाचार्य के रूप में पीसी पुरोहित की नियुक्ति मैनेजेंट कमेटी द्वारा की गई।
प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित के कार्यभार संभालने के बाद अनुराधा गुप्ता ने पीसी पुरोहित के सामने भी वेतन विसंगति का मामला सामने रखा। ​शिक्षिका अनुराधा गुप्ता के​ शिकायती पत्र का संज्ञान लेते हएु प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने अनुराधा की वेतन विसंगति ठीक करने के लिए डीएवी मैनेजमेंट कमेटी नई दिल्ली को पत्र भेजे। जिस पर मैनेजमेंट ने प्रधानाचार्य के पत्र का संज्ञान लेकर वेतनमान को फिर से ठीक बताया। आरोप है कि शिक्षिका अनुराधा गुप्ता जवाब से संतुष्ट नहीं हुई और वह प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित से रंजिश रखने लगी। इस शिक्षिका ने पीसी पुरोहित का मानसिक उत्पीड़न करने के लिए लगातार झूठी शिकायते डीएवी मैनेजमेंट कमेटी को भेजी।

काउसिलिंग का भी नहीं हुआ असर
पीसी पुरोहित ने बताया कि अनुराधा गुप्ता की इन तमाम शिकायतों का संज्ञान लेते हुये डीएवी मैनेजमेंट कमेटी ने अनुराधा गुप्ता को हैड आॅफिस दिल्ली बुलाया। वहां शि​क्षिका की काउंसलिंग भी की गई परन्तु इन काउंसलिंग का कोई असर नहीं हुआ। शिक्षिका ने महिला आयोग में भी शिकायत की, लेकिन वहां से भी जांच में शिकायतें झूठी साबित हुई। जांच में पीसी पुरोहित को क्लीन चिट मिली।

तबादला हुआ तो नहीं किया ज्वाइन
शिक्षिका मानव संसाधन मंत्रालय की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सीबीएसई बोर्ड के कार्यालय व मुख्यमंत्री दरबार तक शिकायत की। डीएवी मैनेजमेंट कमेटी ने प्रशासनिक आधार पर उनका तबादला कोटद्वार डीएवी स्कूल कर दिया गया। अनुराधा ने तबादले को गलत प्रकिया बताते हुये कोर्ट में स्कूल प्रबंधन को चुनौती दी। एजुकेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने डीएवी मैनेजमेंट कमेटी के स्थानांतरण के निर्णय को सही ठहराया। कोर्ट के निर्णय के बावजूद अनुराधा ने कोटद्वार में ज्वाइन नहीं किया और मेडिकल प्रमाणपत्र भेजने लगी। डीएवी मैनेजमेंट कमेटी नई दिल्ली ने स्कूल ज्वाइन नहीं करने के मेडिकल कारणों की जांच के लिये स्थानीय अवकाश प्राप्त एवं अनुभवी प्रधानाचार्यो की एक टीम गठित कर जांच कराई। इस रिपोर्ट के आधार पर आखिरकार डीएवी मैनेजमेंट कमेटी ने अनुराधा के स्कूल नहीं ज्वाइन करने के कारण उनको स्कूल से बर्खास्त कर दिया।

दर्ज कराया मुकदमा
स्कूल से बर्खास्त होने के बाद अनुराधा ने रंजिशन एक मुकदमा प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित के खिलाफ कनखल थाने में दर्ज करा दिया गया। इस मुकदमे की तफ्तीश के दौरान अनुराधा कोई सबूत पुलिस को नहीं दे पाई। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और करीब स्कूल में कार्यरत 24 लोगों से पूछताछ की गई। जिसके आधार पर प्रधानाचार्य को क्लीन चिट मिल गई। लेकिन अनुराधा ने पुलिस जांच पर अंगुली उठा दी। अनुराधा की संतुष्टि के लिये केस को री-ओपन कर जांच कराई जा रही है। इसी बीच अनुराधा ने यूटयूब पर एक वीडियो अपलोड कर दिया। इस वीडियो में प्रधानाचार्य पर संगीन आरोप लगाये गये है। इस वीडियो के आधार पर स्कूल की ओर से एक कानूनी नोटिस अनुराधा को भेजा गया है। अधिवक्ता अरूण भदौरिया की ओर से इस नोटिस में अनुराधा को क्षमा याचना मांगने की बात की गई है।



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