नवीन चौहान
हरिद्वार के जगजीतपुर में 500 बेड का अस्पताल बनने की हरिद्वार प्रशासन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। हरिद्वार नगर निगम की मेयर अनिता शर्मा ने जमीन संबंधी प्रक्रिया भी पूरी करके जिला प्रशासन को सौंप दी है। जिला प्रशासन को अस्पताल बनाने के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाले बजट का इंतजार है। बजट की धनराशि आते ही अस्पताल बनाने का कार्य बड़ी तेजी के साथ शुरू कर दिया जायेगा। जिला प्रशासन की ओर से अस्पताल के संबंध में सभी औपचारिकता पूरी कर ली गई है। संभावना है कि केंद्र सरकार जल्द ही बजट जारी करने वाली है।
हरिद्वार में लंबे अरसे से एक अच्छे अस्पताल की जरूरत महसूस की जा रही थी। हरिद्वार की आबादी दिन—प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लेकिन एक अदद अस्पताल की कमी हरिद्वार में रही। केंद्र की मोदी सरकार ने हरिद्वार की समस्या को दूर करने के लिए 500 बेड का अस्पताल बनाने की मंजूरी दी। जिसके बाद डीपीआर तैयार किया गया। अस्पताल बनाने के लिए भूमि चयन का कार्य पूरा हुआ। हरिद्वार लक्सर रोड़ पर डीएवी स्कूल के ठीक सामने नगर निगम की भूमि पर अस्पताल बनाने पर सहमति बनी। 500 बेड के अस्पताल के लिए 250 करोड़ की लागत की डीपीआर तैयार की गई। इस अस्पताल को बनाने के लिए तीव्र गति से कार्य करने की कवायद भी शुरू हुई। लेकिन इसी दौरान कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी। कोरोना संक्रमण काल में बड़े अस्पताल की कमी सबसे ज्यादा महसूस की गई। जिसके बाद कोरोना मरीजों के लिए एक अस्थायी अस्पताल को बनाने की तैयारी की जाने लगी। लेकिन अस्थायी अस्पताल में खर्च होने वाले बजट और फिर स्थायी अस्पताल बनाने के बीच में ये प्रक्रिया खटाई में पड़ गई। जिसके बाद स्थायी अस्पताल को बनाने की योजना पर जिला प्रशासन ने कार्य शुरू कर दिया। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि 500 बेड के अस्पताल के लिए 250 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई थी। जिसको रिवाइड किया गया है। नई डीपीआर तैयार की जा रही है। जिसके बाद बजट मिलते ही अस्पताल को बनाने के कार्य को गति प्रदान की जायेगी।