नवीन चौहान
देश की एक होनहार और मेधावी बेटी ने आत्महत्या कर ली। कारण गरीबी। उसका परिवार पढ़ाई के लिए संसाधन नहीं जुटा पा रहा था। उसने केंद्र सरकार से लेकर समाजसेवियों से गुहार लगाई। छात्रवृत्ति भी मांगी, लेकिन कोई मद्द नहीं मिली तो वह हताश हो गई।
मामला, हैदराबाद के पास शादनगर की रहने वाली ऐश्वर्या रेड्डी का है। उसने बारहवीं की परीक्षा में 98 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करते हुए अपने शहर में टॉप किया और अगली पढ़ाई के लिए दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में बीएसी गणित से कर रही थी। आत्महत्या करने से पूर्व उसने लिखा कि मेरी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। मैं अपने घर में कई खर्चों की वजह हूं। मैं उन पर बोझ बन गई हूं। मेरी शिक्षा एक बोझ है। मैं पढ़ाई के बिना जिंदा नहीं रह सकती। ऐश्वर्या के परिजनों ने बताया कि उसकी अभी दो साल की पढ़ाई शेष थी, वह चिंतित थी कि पढ़ाई के बाद हॉस्टल खाली करना पड़ेगा तो वह क्या करेंगी।
मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन होने पर ऐश्वर्या आने घर वापस आ गई। जहां लैपटॉप न होने से उसकी पढ़ाई सुचारू नहीं हो सकी। पढ़ाई के लिए उसे लैपटॉप की जरूरत थीं, लेकिन आर्थिक स्थिति ज्यादा कमजोर होने से उसके पिता नहीं खरीद सके। क्योंकि लॉकडाउन के बाद से उसके पिता का मैकेनिक का काम बंद हो गया। मां भी घर पर सिलाई करके गुजर-बसर कर रही थी।
मद्द के लिए लगाई गुहार
ऐश्वर्या ने हर ओर से निराश होने के बाद मुख्यमंत्री केसी रामाराव के बेटे और आईटी मंत्री केटी रामाराव को ट्वीट भी किया था। उन्होंने मदद के लिए सोनू सूद को भी ट्वीट किया था। ऐश्वर्या ने केंद्र सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की ओर से दी जाने वाली इंस्पायर स्कॉलरशिप के लिए भी आवेदन किया था। कम से कम एक साल के लिए इंस्पायर स्कॉलरशिप जारी करने की गुहार लगाई।
छोटा घर और सोना भी रख दिया था गिरवी
ये परिवार एक दो कमरों के घर में रहता है जिसके एक कमरे में ऐश्वर्या रहतीं थीं और अपनी पढ़ाई करती थीं। रसोई और सिलाई मशीन दूसरे कमरे में है जहां उनकी मां काम करती है। परिवार कर्ज में है। ऐश्वर्या की जरूरत पूरी करने के लिए उन्होंने घर गिरवी रखने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहा। ऐश्वर्या के परिवार ने उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए सोना गिरवी रखकर भी कर्ज लिया था। उनकी छोटी बहन ने सातवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी ताकि बड़ी बहन की पढ़ाई चलती रहे।