नवीन चौहान
उत्तराखंड पुलिस की महिला दारोगा आरती पोखरिया ने मानवता की बड़ी मिशाल पेश की है। उन्होंने एक पांच महीने के बच्चे और उसके मां बाप को को जीवन दान दिया है। सड़क पर लहुलूहान अवस्था में लावारिश हालत में पड़े परिवार को अपने निजी वाहन में बैठाकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया। चिकित्सों ने प्राथमिक उपचार दिया। महिला दारोगा की सूचना पर घायलों का परिवार अस्पताल पहुंच गया है। जिसके बाद घायलों की हालत खतरे से बाहर है। घटना श्यामपुर थाना क्षेत्र की है।
सोमवार की सुबह करीब नौ बजे महिला उप निरीक्षक आरती पोखरिया अपने निजी वाहन से एम्स के लिए जा रही थी। जब उनकी कार हरिद्वार नजीबाबाद मार्ग पर लालढांग मोड़ पर पहुंची तो देखा कि सड़क पर एक परिवार लहुलूहान पड़ा है। जबकि समीप में दो बाइक दुर्घटनाग्रस्त पड़ी है। उन्होंने तत्काल अपनी कार को सड़क किनारे लगाया और एक—एक करके घायलों को अपनी कार में बैठाकर जिला अस्पताल के लिए निकल गई। इसी के साथ दुर्घटनाग्रस्त बाइक के संबंध में श्यामपुर पुलिस को सूचना दी। श्यामपुर पुलिस ने बाइक को कब्जे में लेकर सुरक्षित किया वही दूसरी ओर आरती पोखरिया घायलों को अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराने लगी। उनकी पूरी कार खून से लथपथ हो गई। जिसके बाद घायलों के होश में आने पर परिजनों की जानकारी की। घायलों को एक रिश्तेदार पतंजलि में नौकरी करता है।
जिसके बाद वह अस्पताल पहुंच गया। रिश्तेदार ने घायलों के नाम प्राची क्षेत्री साल पत्नी मयंक क्षेत्री निवासी कैनाल, राजपुर रोड़ देहरादून और भाई शुभम साल के अलावा मोहन सिंह पुत्र रामपाल निवासी फेजीपुर जिला बिजनौर यूपी पता चल पाया। सभी लोग दो बाइक पर सवार होकर देहरादून से बिजनौर जा रहे थे। जबकि साथ में एक पांच महीने का मासूम बच्चा भी था। उक्त बच्चा विवाह के आठ साल बाद हुआ है। रिश्तेदार ओमपाल सिंह ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घासल हो गए। अभी सभी ठीक है। उप निरीक्षक आरती पोखरिया ने बताया कि दो बाइकों की आमने सामने की टक्कर प्रतीत हो रही है। फिलहाल सभी सुरक्षित है।
महिला उप निरीक्षक आरती पोखरिया कुंभ पर्व 2021 में अपनी सेवाएं देने के बाद नैनीताल जनपद में तैनात है। उनके पति प्रकाश पोखरिया भी उत्तराखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर नैनीताल में कार्यरत है। दोनों दंपति बेहद ही व्यवहार कुशल है। आरती पोखरियाल ने मानवता का मिशाल पेश करके दो परिवारों को जीवनदान दिया है। इसी के साथ उत्तराखंड पुलिस के स्लोगन मित्रता, सेवा और सुरक्षा को भी चरितार्थ किया है।