हरिद्वार में आचार्य विपिन जोशी करवा रहे हैं 12 कुम्भ




नवीन चौहान.
हरिद्वार. यहां के प्रसिद्ध भारत माता मंदिर के निकट देवभूमि दिव्य ग्राम के संस्थापक आचार्य विपिन जोशी, बारह कुम्भ आयोजित कर रहे हैं, आज उनका योग कुम्भ था जिसमें सुबह से ही महिला, पुरूष व बच्चों को योग की बारीकियां सिखाई गई, साथ ही योग विशेषज्ञों द्वारा योग की बारिकियों पर व्याख्यान दिए गये।
आचार्य जोशी ने बताया कि अपने शिविर में संस्कृत कुम्भ, आयुर्वेद कुम्भ, युवा कुम्भ, संस्कृत कुम्भ, स्वरोजगार कुम्भ, बाल कुम्भ, संस्कृति कुम्भ, संगीत कुम्भ, काव्य कुम्भ,कला कुम्भ व योग कुम्भ सहित बारह कुम्भ आयोजित किए गये हैं। जहां योग कुम्भ में आज योग की बारीकियां सिखाई गई वहीं 7 अप्रैल को काव्य कुम्भ में जाने माने कवि कविता पाठ करेंगे। 10 अप्रैल को शक्ति कुम्भ में नारी शक्ति के सशक्तिकरण पर विचार विमर्श किया जाएगा। 18 अप्रैल को स्वरोजगार कुम्भ में युवाओं के स्वरोजगार के विभिन्न साधनों पर चर्चा होगी।
21 अप्रैल को संस्कृति कुम्भ में उत्तराखंड सहित देशभर की विभिन्न संस्कृतियों पर चर्चा होगी तो बाल कुम्भ में बच्चों के चरित्र निर्माण पर विशेषज्ञ अपने प्रेरणादायक विचार रखेंगे। देहरादून टपकेश्वर महादेव स्थित मां वैष्णोदेवी गुफा ट्रस्ट के ट्रस्टी आचार्य विपिन जोशी ने हरिद्वार में 12 कुम्भ का आयोजन कर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को बुलाकर एक नई पहल की है।
स्वावलम्बन के लिए पहाड़ की तीन गांव लिए गोद
पहाड़ के गांवों से पलायन रोकने के लिए यहां के गांवों को आयुर्वेदिक व वैलनेस सेन्टर के रूप में विकसित करने के प्रयास में उन्होने टिहरी के साबली गांव, जौनसार बावर (देहरादून) के डामटा गांव व नैनीताल जिले के मज्यूली, पहाड़ पानी गांवों को गोद लिया है, जिन्हें वे वैज्ञानिक ढ़ंग से बागवानी, कृषि, योग, पशुपालन व जैविक खेती कर लोगों को स्वावलंबी बनाने का प्रयास करेंगे।
उनका कहना है कि इन गांवों के माडल गांव बनने के बाद आस-पास के गांव स्वतरू ही इनका अनुशरण करने लगेंगे जिससे पहाड़ में विलेज टूरिज्म विकसित होगा और शहरों में पांच सात हजार की नौकरी करने वाले युवा वापस अपने गांव लौटने लगेंगे। उन्होने बताया कि उनके इस अभियान में मदद के लिए कई जाने-माने लोग आगे आ रहे हैं।



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