आखिर कौन खा गया हरिद्वार के उत्तरी क्षेत्र भारतमातापुरम की सीवर लाईन?




हरिद्वार। भूपतवाला में भारतमापुरम आवासीय कालोनी की सीवर लाइन चोरी हो गई है। ऐसा हम नहीं कह रहे है। यह कहना कालोनी में रहने वाले लोगों का जो अपने मकान बनाने के बाद कालोनी में कालोनाइजर द्वारा बिछायी गई सीवर लाइन को ढूंढ रहे हैं, लेकिन काफी प्रयासों के बाद भी उन्हें कालोनी में बिछायी गई सीवर लाइन नहीं मिल रही है।

हरिद्वार विकास प्राधिकरण ने हरिद्वार के संत बाहुल्य क्षेत्र भूपतवाला में एक आवासीय कालोनी जिसका नाम भारतमातापुरम है का नक्शा इन शर्तों के साथ स्वीकृत किया था कि कालोनाइजर द्वारा अपने खर्चे से कालोनी में सभी विकास कार्य जैसे बिजली, पानी, सड़क, सीवर, पार्क आदि का निर्माण कार्य कराकर देंगे। इन शर्तों का हरिद्वार विकास प्राधिकरण एवं कालोनाइजर के मध्य अनुबन्ध भी हुआ। हरिद्वार विकास प्राधिकरण ने कालोनाइजर के उक्त कालोनी के कुछ प्लाट इन शर्तों के साथ बन्धक बनाए कि जब अनुबन्ध एवं नक्शे के अनुसार कालोनी में विकास कार्य करवा दिए जाऐंगे तो उसके बाद विभागीय अधिकारियों द्धारा मौका मुआयना कर अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया जाऐगा और प्राधिकरण द्वारा बन्धक रखे प्लाटों को अवमुक्त कर दिया जाएगा।

कालोनाइजर द्वारा प्राधिकरण को अवगत कराया गया कि नियम व अनुबन्ध की शर्तों के अनुसार मेरे द्वारा कालोनी में विकास कार्य करवा दिए गए हैं, इसलिए विभाग ने मेरे जो प्लाट बन्धक स्वरूप रखे हुए हैं उन्हें अवमुक्त किया जाए। तत्पश्चात विभागीय अधिकारी द्वारा मौका मुआयना किया गया और उसने अपनी आख्या में लिखा कि नक्शे एवं अनुबन्ध की शर्तों के अनुुसार कालोनाइजर ने सीवर लाईन भी डलवा दी है। अधिकारी की आख्या के पश्चात् विभाग द्वारा बन्धक रखे प्लाटों को अवमुक्त कर दिया गया।

कालोनी में अब प्लाटों पर निर्माण कार्य होने लगे तो लोगों ने जब अपने घरों के सीवर पाईप को मेन सीवर लाईन से जोड़ने के लिए सीवर लाईन ढूंढी तो उन्हें पूरी कालोनी में कहीं भी सीवर लाईन नहीं दिखाई दी। परेशान कालोनी के लोगों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की लेकिन कोई हल नहीं निकला। इस बात के गवाह वहां रह रहे लोग, स्वीकृत नक्शा, अभियन्ता की आख्या कि मौके पर सीवर लाईन है स्वयं दे रहे हैं। इन सभी व्यक्तियों के साथ-साथ वहां रह रहे हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार रतन मणी डोभाल भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि कागजों में तो सीवर लाईन है लेकिन मौके पर नहीं है।

अब प्रश्न यह उठता है कि जब हरिद्वार विकास प्राधिकरण के अभियंता की आख्या में वहां सीवर लाईन है तो फिर उस सीवर लाईन व उसमें बह रहे सीवर को कौन खा गया? फिलहाल कालोनी में प्लॉट लेकर मकान बनाने वाले परेशान है, उनका कहना है कि सीवर लाइन नहीं तो सीवर का पानी कहां डाले।



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