नवीन चौहान
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की छवि को धूमिल करने वाले लोग असामाजिक तत्व है। जिम्मेदार पत्रकारों से कभी भी ऐसी उम्मीद नही की जा सकती है। पत्रकार किसी भी बयान को तोड़ मरोड़कर पेश नही करते है। सबसे बड़ी बात पत्रकार किसी भी बयान को कहने वाले व्यक्ति के भाव को भी बखूवी समझते है और अपनी जिम्मेदारी का पालन करते है। ऐसे में इस आपदा की घड़ी में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बयान को गलत तरीके से पेश करने वाले लोग असामाजिक है और महत्वपूर्ण बात को मनोरंजन के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल कर अपनी घटिया मानसिकता का परिचय दे रहे है।
बताते चले कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के गोपेश्वर दौरे के दौरान उनके बयान के वीडियो को एडिट कर सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। इस वीडियो को संपादित कर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस वीडियो में मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत साफ तौर पर कह रहे हैं कि ‘वैक्सीन हम बड़ी तेजी से लगा रहे हैं, 18 से 45 वर्ष आयु के नौजवानों को ऑक्सीजन लगना शुरू हो गया है, (फिर अपने आक्सीजन की बात को सुधारते हुए कहते हैं कि) वैक्सीन लगना शुरू हो गया है’। वीडियो में उन्होंने जनता से आह्वान किया है कि सभी लोग टीका जरूर लगवाएं तभी कोरोना को हराया जा सकता है। लेकिन दुर्भावना देखिए कि इस पूर्ण वीडियो के एक हिस्सा सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है। आगे का वो हिस्सा काट दिया, जिसमें मुख्यमंत्री अपनी बात संभालते हुए साफ शब्दों में ‘वैक्सीन’ कह रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के 50 लाख युवाओं को राज्य सरकार निशुल्क वैक्सीन लगाएगी और इस बात की घोषणा मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने की, जिस पर प्रदेश का लगभग 400 करोड़ से ज्यादा का खर्च आ रहा है।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्य में नए अस्पतालों का निर्माण, पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की व्यवस्था, सभी प्रदेशवासियों के निःशुल्क टीकाकरण के इंतजाम किए जा रहे हैं। ऐसे में सभी जनमानस हकी जिम्मेदारी बनती है कि आपदा के इस संकट में कम से कम वह तो असामाजिक तत्वों की घिनौती करतूत का हिस्सा ना बने। इस तरह के वीडियो को वायरल करने से बचे।