अपने ही बुने जाल में फंस गये रामानंद पुरी, जानिए पूरी खबर




नवीन चैहान, हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के महंत रामानंद पुरी अपने ही बुने जाल में बुरी तरह फंस गये है। अखाड़े की संपत्ति से बनाये गये शिक्षण संस्थान रामानंद इंस्टीटयूट में महंत रामानंद पुरी ने लाखों का गोलमाल किया। लाखों की रकम को कहां ठिकाने लगाया गया ये तो पुलिस जांच के बाद ही साफ हो पायेगा। लेकिन एक बात तो तय है कि रामानंद पुरी एक रहस्यमयी संत के रूप में सामने आ रहे है। उन्होंने दान में मिले धन का दुरप्रयोग किया और खूब मौज मस्ती की। वही दान में मिली वही सम्पदा आज विवाद का मुख्य कारण बन चुकी है।
सनातन शास्त्रों में कहा गया है कि यदि दान की वस्तु का सदुपयोग न हो तो वह कष्टकारी साबित होने लगता है। दान में मिली धन-सम्पदा को संतों ने व्यवासीकरण कर करोड़ों में व्यारे-न्यारे करने शुरू कर दिए। यही से संतो ंके विलासी जीवन की कहानी भी शुरू हुई और विवाद का कारण भी। जो सुविधाएं एक मेहनतकश व्यक्ति ता उम्र मेहनत कर प्राप्त नहीं कर सकता वह सुख-सुविधा भगवा पहनने के मात्र कुछ ही समय बाद व्यक्ति को मिलने लगती हैं। ऐसा ही कुछ महंत रामानंद पुरी के साथ हुआ। विलासितापूर्ण जीवन जीने की लालसा व अखाड़े पर अपना वर्चस्व कायम करने के लिए महंत रामांनद पुरी ने महंत शंकर भारती को ता उम्र अखाड़े की सेवा करने के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया। अभावों में शंकर भारती ने अंतिम सांस ली। उसके बाद करोड़ों की आमदनी वाले मंशा देवी मंदिर का खेल शुरू हुआ और रामानदंपुरी ने अपने दिमाग से मंशा देवी को भी अपने अधिकार में ले लिया। वर्ष 2005 में महंत रामांनद पुरी ने रामानंद इंस्टीट्यूट की आधारशिला शिक्षा के दान के लिए नहीं बल्कि शिक्षा के नाम पर धन कमाने के लिए की। और विलासितापूर्ण जीवन को जिया। कहते हैं कि बुरे कार्यों का परिणाम बुरा ही होता है। जिस प्रकार अपने जीवन के अंतिम काल में महंत शंकर भारती को जिंदगी भर अखाड़े की सेवा के बाद भी बेइज्जत कर निकाला उसी का परिणाम आज महंत रामानंदपुरी के समक्ष आ रहा है। जैसा की अखाड़े के पदाधिकारी आरोप लगा चुके हैं रंगीन मिजाज रामानंद पुरी ने जो भी धन कमाया वह सब अपनी रंगीन मिजाजी पर खर्च किया। यदि ऐसा नहीं तो आखिर जो धन कमाया वह कहां गया। रामानंद इंस्टीट्यूट, मंशा देवी मंदिर के अतिरिक्त भक्तों से मिलने वाली दान-दक्षिणा की करोड़ों की रकम रंगीन मिजाजी में उड़ाकर समाज में अपनी फजीहत कराने वाले रामांनद पुरी अब अपने की जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। महंत रविन्द्रपुरी व महंत नरेन्द्रगिरि समेत छह लोगों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकद्में की जांच की आंच प्रथम दृष्टया रामानंदपुरी पर ही आकर गिरती दिखाई दे रही है। ऐसे में रामानंदपुरी पर पुलिस का शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है। आरोपी महंत रामानंद पुरी पर जो धारायें बढ़ाई गई है उसके बाद उनका जेल जाना तय माना जाने लगा है।



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