विजय सक्सेना.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई लगातार 9वें महीने संतोषजनक स्तर से ऊपर है। ऐसे में केंद्र सरकार ने आरबीआई से सवाल किया है कि महंगाई कम क्यों नहीं हो रही है। आरबीआई को अब केंद्र सरकार को रिपोर्ट देकर विस्तार से इसका कारण बताना होगा।
मौद्रिक नीति रूपरेखा के 2016 में प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार होगा, आरबीआई को रिपोर्ट के जरिये सरकार को अपने कदमों की जानकारी देनी होगी। राष्ट्रीय सांख्यिकीय मंत्रालय (एनएसओ) के मुताबिक, सिर्फ 6 वस्तुओं के दाम अगस्त के मुकाबले सितंबर में घटे हैं।
आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घटत-बढ़त के साथ चार प्रतिशत पर बनाए रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। रिजर्व बैंक अधिनियम के तहत अगर मुद्रास्फीति के लिए तय लक्ष्य को लगातार तीन तिमाहियों तक हासिल नहीं किया गया है, तो आरबीआई को केंद्र सरकार को रिपोर्ट देनी होती है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा महंगाई की दर सितंबर में लगातार 9वें महीने आरबीआई के ऊपरी दायरे 6 फीसदी से अधिक रही।
अगस्त में यह 7 फीसदी और पिछले साल सितंबर में 4.35 फीसदी थी। खाद्य वस्तुओं की महंगाई सितंबर में 8.60 फीसदी पहुंच गई, जो अगस्त में 7.62 फीसदी रही थी। केंद्र सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है।