सोनी चौहान
बीफआईटी सुद्धोवाला देहरादून में औचक निरीक्षण के दौरान अनियमितताओं पर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्राचार्य की कड़ी फटकार लगाते हुए कहा की व्यवस्थाओ में सुधार लायें जायें। कुलपति ने कहा व्यवस्थाएं न होने पर परीक्षा केन्द्र हमेशा के लिए निरस्त कर दिया जायेंगा।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी और एवं सुनील नौटियाल ने देहरादून के एमआईटी न्यू रोड देहरादून का औचक निरीक्षण किया। जिसमें बीए मॉस कॉम्युनिकेशन की परीक्षायें चल रही थी। सभी व्यवस्थायें सही पायी गयी, फिर भी केन्द्राध्यक्ष को और अधिक मुस्तैदी से कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया।
कुलपति ने मिनर्वा इंस्टीट्यूड आफ टैक्नोलॉजी सु़द्वोवाला का औचक निरीक्षण किया। जिसमें मास्टर्स आफ फाईन आर्टस् एवं बीए मास कॉम्यूनिकेशन की परीक्षायें चल रही थी। कुलपति ने फाईन आर्टस की प्रयोशाला का भी निरीक्षण किया। यह पाठ्यक्रम लीक से हटकर एक रोजगारन्मुखी एवं रूचिपरक है। जिसकी कुलपति ने प्रशंसा की है। कुलपति ने संस्थान को निर्देशित किया कि वे संस्थान में एक उत्तराखण्ड संस्कृति, लोककला एवं विधाओं की अलग से गैलरी की स्थापना करें। सांस्कृतिक आदान प्रदान के लिए अन्य संस्थानों से भी सम्पर्क किया जायें। पाठ्यक्रम के सतत विकास के लिए लगातार कार्य करते रहें।
कुलपति ने बीएफआईटी सुद्धोवाला देहरादून का औचक निरीक्षण किया। किन्तु समय लगभग 3.45 बजे संस्थान में कोई भी परीक्षा सम्बन्धी कक्ष संचालित होना नहीं पाया गया। प्राचार्य ने बताया कि सभी परीक्षार्थी 1.30 बजे परीक्षा समाप्ति के उपरान्त चले गये हैं। कुलपति ने पूछने पर कि कौन से कक्ष में परीक्षा संचालित हो रही थी। प्राचार्य ने कक्ष बताने में असमजस किया। जिस कक्ष में परीक्षा होने बतायी गयी, उस कक्ष में सीटिंग प्लान प्रदर्षित ही नहीं किया गया था।
कुलपति ने लगभग 4.00 बजे परीक्षा कन्ट्रोलरूम का निरीक्षण किया। तो वहां पर उत्तरपुस्तिकायें बीएससी कृषि सप्तम सेमेस्टर की परीक्षा उपरान्त लिपिक के टेबल पर रखी पायी गयी। किन्तु उन्हें सील बन्द नहीं किया गया था और ना ही तत्सबन्धी प्रपत्र भरे गये
थे। कुलपति ने उत्तर पुस्तिकाओं का विवरण दिखाने के लिए कहा तो प्राचार्य ने बताया कि परीक्षा प्रभारी संस्थान से चले गये हैं। जिस कारण वांछित अभिलेख नहीं दिखाये जा सकते हैं। जबकि नियमतः परीक्षा प्रभारी को सम्बन्धित उत्तरपुस्तिकाओं को सीलबन्द कर विश्वविद्यालय के संकलन केन्द्र पर जमा कराया जाना चाहिए थी। सम्बन्धित संस्थान का कृत्य अत्यन्त
ही आपत्तिजनक है। जिस पर कुलपति ने उन्हें कड़ी हिदायत दी। कुलपति ने परीक्षा नियन्त्रक को मौके से ही निर्देशित किया गया। कि सम्बन्धित संस्थान के लिए आगामी प्रत्येक परीक्षा दिवस की तिथि को उडनदस्ते भेजे जाये। संस्थान की कार्यशैली में लेशमात्र भी शिथिलता प्राप्त होती है। तो संस्थान के परीक्षा केन्द्र को हमेशा के लिए निरस्त कर दिया जायेगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी संस्थान की होगी।