डीएम सी रविशंकर और सीएमओ की कर्तव्यनिष्ठा से कोरोना संक्रमित को मिला पुर्नजन्म




पीएम मोदी का आयुष्मान कार्ड गरीबों के आ रहा बहुत काम, एम्स के चिकित्सक बने भगवान
नवीन चौहान
हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर की कर्तव्यनिष्ठा के चलते एक बुजुर्ग कोरोना संक्रमित महिला मरीज को जीवनदान मिल पाया। संक्रमण से जूझ रही महिला का जीवन बचाने के लिए एम्स ​के चिकित्सक भगवान बनकर सामने आए। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आयुष्मान कार्ड कारगर साबित हुआ। करीब एक महीने से अधिक वक्त तक मौत से मुकाबला करने के बाद स्वस्थ होकर घर पहुंची बुजुर्ग महिला ने जिलाधिकारी, सीएमओ और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार व्यक्त किया है।
हरिद्वार के शि​वालिक नगर स्थित टिहरी विस्थापित कॉलोनी निवासी 60 वर्षीय संतोष चौहान पत्नी स्वर्गीय चरण सिंह चौहान को 10 अगस्त को तेज बुखार आया। बेटे राहुल चौहान ने अपनी मां संतोष चौहान का मेला अस्पताल में 12 अगस्त को कोविड टेस्ट कराया। टेस्ट की रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर मेला अस्पताल में भर्ती कर दिया। हरिद्वार के मेला अस्पताल में डॉ राजेश गुप्ता ने संक्रमित मरीज की सेवा बेहतर तरीके से की। परिजनों को उनकी हालात के बारे में बताया और एम्स भेजने की व्यवस्था कराई। लेकिन डायबिटीज व उम्र के इस पड़ाव में कई अन्य बीमारी से जूझ रही संतोष चौहान की हालत बिगड़ गई। मेला अस्पताल के चिकित्सकों ने संतोष चौहान को एम्स में भर्ती करा दिया। 15 अगस्त को संतोष चौहान कोरोना संक्रमण की बीमारी से मुकाबला करने के लिए एम्स पहुंच गई। एम्स के चिकित्सकों ने संतोष चौहान का इलाज शुरू कर दिया। शुगर की बीमारी के चलते संतोष चौहान की हालात बिगड़ने लगी। शरीर के अन्य अंगों ने काम करना बंद कर दिया। परिजनों ने एम्स के चिकित्सकों से संपर्क करने का प्रयास किया तो कोई बात नही हो पाई। एम्स प्रबंधन कोई सही बात बताने को तैयार नही था। परिजनों का रो—रोकर बुरा हाल था। अस्पताल के बाहर बैठे परिजनों के पास रोने के अलावा करने को कुछ नही था। उधर पीड़ित संतोष चौहान को प्लाजमा चढ़ाने की जरूरत पड़ी। इसी दौरान पीड़ित संतोष चौहान के बेटे ने अपनी मां के जिंदगी और मौत से मुकाबला करने की जानकारी जिलाधिकारी सी रविशंकर को दी। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने तत्काल अपने कर्तव्यधर्म का निर्वहन करते हुए सीएमओ डॉ शंभूनाथ झा को एम्स चिकित्सकों से संतोष चौहान की अपडेट लेने और बेहतर इलाज करने के लिए निर्देशित किया। जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन करते हुए हरिद्वार सीएमओ डॉ शंभूनाथ झा ने भी एम्स प्रबंधन से फोन पर बात करते हुए कोरोना संक्रमित मरीज संतोष चौहान के इलाज में किसी प्रकार की कोताही ना बरतने के लिए कहा गया। डीएम हरिद्वार के निर्देशों के बाद एम्स प्रबंधन के व्यवहार में बदलाव दिया। चिकित्सकों ने भी संतोष चौहान की पूरी मनोभाव से सेवा की। इस दौरान संतोष चौहान को आईसीयू में रखना पड़ा। एक बारगी तो चिकित्सकों को लगा कि संतोष चौहान को बचा पाना संभव नही है। लेकिन एम्स के चिकित्सकों ने अपने प्रयास और चिकित्सीय ज्ञान का भरपूर उपयोग करते हुए संतोष चौहान को एक बार फिर नई जिंदगी दी। संतोष चौहान कोरोना संक्रमण को मात देने के बाद अपने घर हरिद्वार आ गई है। लेकिन वह जिलाधिकारी सी रविशंकर, सीएमओ डॉ झा, और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का धन्यवाद देना नही भूली। उन्होंने कहा कि कोरोना से घबराना नही मुकाबला करना है। भगवान ने जितनी जिंदगी दी है,उतना तो जीना ही है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों और चिकित्सकों की सेवा से वह बेहद खुश है। बेटे राहुल ने बताया कि आयुष्मान कार्ड से ही इलाज संभव हो पाया। अगर आयुष्मान कार्ड नही होता तो वह कभी भी अपनी मां का इलाज नही करा पाते।



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