नवीन चौहान
हरिद्वार में बड़े साहब की सज्जनता और ईमानदारी का भ्रष्ट अधिकारी खूब फायदा उठा रहे है। साहब की टेबिल से गुजरने वाली फाइलों पर नजराना ले रहे है। साहब की पल—पल की खबर माफियाओं को दे रहे है। बड़े साहब कोरोना संक्रमण से हरिद्वारवासियों को सुरक्षित बचाने की जददोजद में जुटे है। उत्तराखंड सरकार के राजस्व में इजाफा करने के लिए खनन की फाइलों को जल्दी से निबटा रहे है। लेकिन बड़े साहब की दिन रात की मेहनत पर ये तमाम भ्रष्ट अधिकारी और बाबू पानी फेरने में लगे है।
उत्तराखंड के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार की जिम्मेदारी संभालने के बाद ही जीरों टालरेंस की मुहिम शुरू की थी। उन्होंने जीरों टालरेंस का झंडा बुलंद किया और प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में पहल शुरू की। इसी के चलते प्रदेश के जिलों में ट्रांसवर पोस्टिंग करने के दौरान आईएएस और आईपीएस अफसरों की ईमानदारी और कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अफसरों को कार्य करने की पूरी छूट दी। अफसरों पर किसी कार्य करने के लिए कभी कोई दबाब नही दिया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तमाम अपेक्षाओं पर अफसर खरे भी उतरे। लेकिन सबसे दुखद बात ये है कि ईमानदार अफसरों के नीचें कार्य करने वाले तमाम अधिकारी और बाबूओं ने साहब लोगों की ईमानदारी को सिक्कों की खन—खन में तोल दिया। हद तो तब हो गई जब पूरा देश कोरोना संक्रमण की भयावह मुसीबत से जूझ रहा था। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई। मुखिया ने अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए और प्रदेश को संकट से उबारने के लिए खनन खोलने के आदेश जारी किए। जिसके बाद भ्रष्ट अधिकारियों की मानों लाटरी लग गई। बड़े साहब ने राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए फाइलों को निबटाया तो इन तमाम भ्रष्टाचारियों ने माफियाओं से सेटिंग कर अपनी जेब गरम कर ली। फिलहाल बड़े साहब की ईमानदारी इन भ्रष्टाचारियों को खूब रास आ रही है। हालांकि बड़े साहब ने अब इन भ्रष्टाचारियों की कुंडली को खंगालना शुरू कर दिया है। जल्द ही कुछ भ्रष्ट अधिकारियों पर बड़ी कार्यवाही हो सकती है।