नवीन चौहान.
उत्तराखंड के जंगलों में आग कम होने का नाम नहीं ले रही है। आग बुझाने में दमकल और वन विभाग की टीम के अलावा सेना की भी मदद ली जा रही है। आग लगने के मामले में बताया जा रहा है कि रील बनाने के लिए जंगल में आग लगा दी गई। जंगल में जान बूझकर आग लगाने के मामले में पुलिस ने 10 मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि छह अज्ञात हैं।
वहीं दूसरी ओर वन विभाग ने भी आग लगने के मामले में 351 मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसमें 290 अज्ञात, जबकि 61 नामजद किये गए हैं। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के मुताबिक, वन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम ऐसे लोगों की पहचान कर रही है। जल्द ही चिन्हित आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा, कुछ लोगों की मानसिकता इतनी खराब हो चुकी है कि रील बनाने के लिए जंगल में आग लगा दी। ऐसे एक मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रदेश के मुख्य सचिव ने कहा है कि सरकार उन गांवों को पुरस्कृत करेगी, जहां ग्रामीणों ने अपने गांवों को जंगल की आग से बचाने का काम किया है। वनाग्नि प्रबंधन समिति के तहत भी पुरस्कार की व्यवस्था की गई है।
बतादें प्रदेश में जंगल की आग बेकाबू हो गई है। गढ़वाल से कुमाऊं तक सोमवार को 20 जगह जंगल धधके, जिससे 52 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र जल गया। गढ़वाल में सबसे अधिक 10 और कुमाऊं में नौ घटनाएं हुई हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे हैं। लगातार वह अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं। ग्रामीणों से भी अपील की जा रही है कि वह वनाग्नि को रोकने में मदद करें।