डीएवी स्कूल ने उत्तराखंड की संस्कृति से जोड़ने वाले हरेला पर्व को धूमधाम से मनाया




नवीन चौहान
डीएवी सेन्टेनरी पब्लिक स्कूल में हरेला पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान विद्यालय परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्कूल के तमाम शिक्षक—शिक्षिकाओं ने स्कूल प्रांगण में पौधे ​रोपित करते हुए पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश दिया।
उत्तराखंड में हरेला पर्व की विशेष महत्वता है। प्रकृति के अनुपम सौंदर्य से लबरेज उत्तराखंड में पेड़ पौधों को विशेष सम्मान दिया जाता रहा है। उत्तराखंड में हरियाली का प्रतीक माने जाने वाले हरेला पर्व 11 जुलाई को मनाये जाने की परंपरा है। इसी के चलते हरिद्वार के डीएवी सेंटेनरी स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल ने भी हरेला पर्व के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि वृक्ष पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों के लिए जीवन की अति महत्वपूर्ण आवश्यकता है। हम सब जानते हैं कि पृथ्वी पर साफ एवं स्वच्छ वायु, वर्षा, मृदा संरक्षण में पेड़ अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें चुपचाप रहकर अपना कार्य बिना किसी भेदभाव के करना सिखाते हैं। वृक्षों का संरक्षण समय की माँग भी है। कोरोना संक्रमण काल में मनुष्य के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में प्रकृति की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी के चलते डीएवी परिसर में वृक्षारोपण किया गया। विद्यालय में कोविड-19 से संबंधित सावधानी बरतते हुए कई प्रकार के फलदार एवं औषधीय पौधे लगाए गए।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने विद्यालय के शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया एवं पौधारोपण किया। बताते चले कि कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल, जो कि स्वयं वनस्पति विज्ञान के विद्वान हैं एवं विद्यालय की एनएसएस ईकाई के कार्यक्रम अधिकारी भी हैं। वह सदैव​ बच्चों को प्रकृति से जुड़ी अहम जानकारियों से अवगत कराते रहते है। तथा पेड़ पौधों की रक्षा करने संकल्प कराते है।



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