डीएवी स्कूल ने बहादुर नमीता का किया सम्मान, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार।
अपने पिता को फांसी के फंदे से बचाने की कोशिश करने वाली सात साल की बहादुर नमीता को डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने बड़ा सम्मान दिया हैं। प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित और सीनियर विंग के इंचार्ज मनोज कपिल व शिक्षण वरूण ने नमीता के घर जाकर उसकी पीथ थपथपाई। उसको किताबे, वेश भूषा और कई महीनों के राशन की खाद्य सामग्री उपहार में भेंट की। इसी के साथ नमीता की शिक्षा में हरसंभव मदद करने का भरोसा दिया हैं।IMG_20171230_185408
डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित उदार ह्दय के व्यक्ति हैं। दीन दुखियों की मदद करना उनकी कार्यशैली में शुमार हैं। मानवता के कार्य करने को वह अपना धर्म समझते हैं। जीवन के तमाम उतार चढ़ाव के बीच भी कीमती समय गरीबों की मदद करने के लिये निकालते है। ऐसा ही पुण्य का काम प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने पीड़ित नमीता के लिये किया। बतादे कि कुछ माह पूर्व नमीता के पिता हीरालाल ने आर्थिक तंगी के चलते घर पर फांसी लगा ली थी। जब हीरालाल ने फांसी लगाई तो नमीता अपने पिता के पास सो रही थी जबकि उसकी मां पड़ोस के घरों में साफ सफाई का कार्य करने गई हुई थी। नमीता ने जब अपने पिता को पंखे से लटके देखा तो वह चाकू लेकर आ गई उसके पिता का फांसी का फंदा काट दिया। लेकिन वह अपने पिता को बचाने में कामयाब नही हो पाई। जब आत्महत्या की सूचना कनखल पुलिस को लगी तो पुलिस मौके पर पहुंची।IMG_20171230_185436 पुलिस को जब हीरालाल को बिस्तर पर लेटे देखा तो नमीता ने बताया कि उसने चाकू से फंदा काटा था। पुलिस ने नमीता की मां को हीरालाल के मृत होने की जानकारी दी। लेकिन नमीता की इस बहादुरी की चर्चा खबर बन गई। न्यूज127डॉट कॉम ने बहादुर नमीता और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति पर खबर लिखी। तो कई उदार ह्दय के व्यक्तियों ने नमीता के परिवार की मदद को आगे आये। न्यू देवभूमि हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ सुशील शर्मा और डॉ कुलदीप कुमार ने दाह संस्कार का खर्च दिया तो उसके बाद डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने नमीता के घर पर छह माह के लिये राशन सामग्री उपलब्ध कराई है। नमीता और उसकी मां से मिलकर प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित ने नमीता की पढ़ाई में सहयोग करने का भरोसा दिया। इसके अलावा नमीता को चाकलेट आक्र तमाम खाने की सामग्री अलग से दी। नमीता और उसकी मां को ये भी नहीं मालूम कि राशन देने घर आये ये लोग कौन हैं।



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