संसद में उठी घंटाघर को संरक्षित स्मारक घोषित करने की मांग




अनुज सिंह (नेक).
मेरठ-हापुड़ लोकसभा के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सोमवार को लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत मेरठ के ऐतिहासिक घंटाघर को संरक्षित स्मारक घोषित करने की की मांग की।

सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मेरठ का ऐतिहासिक घंटाघर मेरठ की प्रमुख पहचानों में से एक है। लगभग 250 वर्ष पुराने तथा जर्जर हो गए कम्बो दरवाजे के स्थान पर सन 1900 में इसे बनाने का निर्णय लिया गया था।

कहा कि विशाल घंटाघर के ले-आउट प्लान पर मेरठ में कार्यरत अंग्रेज अधिकारी एकमत नहीं थे परन्तु गवर्नमेंट स्कूल के पूर्व अध्यापक तथा तत्कालीन टाउन एरिया के अधिकारी गजराज सिंह ने इस कार्य को सफलतापूर्वक सम्पादित कियां

वर्ष 1914 में घंटाघर सम्पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया। देश की आजादी के पश्चात से यह भव्य घंटाघर नेताजी सुभाष चंद बोस द्वार के नाम से प्रसिद्ध है।

उन्होंने कहा कि 100 वर्ष से भी अधिक पुराने मेरठ के इस घंटाघर की भव्य इमारत उचित रखरखाव के अभाव में कमजोर होने लगी है तथा इसकी घडी अनेक वर्षों से बंद है।

सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सभापति के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि मेरठ के इस ऐतिहासिक घंटाघर को संरक्षित स्मारक घोषित करते हुए इसकी घडी को ठीक कराया जाए तथा इसके रखरखाव की समुचित व्यवस्था की जाए।



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