नवीन चौहान.
प्रदेश में भाजपा द्वारा बहुमत प्राप्त करने के बाद अब सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है। सरकार का गठन होली के बाद होगा, लेकिन तब तक सीएम कौन होगा इस पर मंथन शुरू हो गया है।
सीएम पद के लिए मंथन इसलिए हो रहा है क्योंकि चुनाव के दौरान सीएम का चेहरा पुष्कर सिंह धामी को बनाया गया था, लेकिन वह अपना चुनाव हार गए। उनके चुनाव हारने के बाद सीएम पद को लेकर पार्टी में मंथन शुरू हो गया है। होली के बाद सरकार शपथ लेगी तब तक सीएम का चेहरा तलाशना है।
सीएम के चेहरे के रूप में अभी पुष्कर सिंह धामी का नाम भी चल रहा है, लेकिन सबसे आगे बदली परिस्थितियों में नाम धनसिंह रावत और अजय भट्ट का चल रहा है। धनसिंह रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, वह संगठन से जुड़े रहे, संगठन चलाने का उन्हें अनुभव भी है। इसलिए उनका नाम भी सीएम के लिए चल रहा है। जब तीरथ सिंह रावत को सीएम की कुर्सी से हटाया गया था तब भी धनसिंह रावत का नाम खूब चला था, लेकिन ऐनवक्त पर पुष्कर सिंह धामी के नाम की घोषणा की गई थी।
इसी तरह सांसद अजय भट्ट का नाम भी सीएम पद के लिए चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि अजय भटट को सीएम बनाकर बाद में किसी एक सीट को खाली कराकर उन्हें उस पर चुनाव लड़ाया जा सकता है। लेकिन इस स्थिति में प्रदेश में दो चुनाव कराने पड़ेंगे, एक लोकसभा सीट का और विधानसभा सीट का। अब ये तो पार्टी को ही तय करना है कि कौन सा आसान रास्ता अपनाकर वह प्रदेश में नए सीएम का नाम घोषित करें।