किसान भाई करें थोड़ी सी मेहनत-वेस्ट यूपी में पैदा हुई फसलों को पहुंचा सकते हैं दुनिया के कोेने कोने में: मंडलायुक्त




मेरठ।
वेस्ट यूपी की जलवायु कृषि की दृष्टि से बेहद ही अनुकूल है। यहां यदि किसान भाई थोड़ी सी मेहनत और करें तो यहां पैदा हुई फसलों को दुनिया भर में पहुंचाया जा सकता है। ऐसा होने से किसानों को भी अधिक आय होगी। यह बात मंडलायुक्त मेरठ सुरेंद्र सिंह ने कार्यशाला के दौरान कही।

उत्तर प्रदेश से कृषि निर्यात की संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर कार्यशाला का आयोजन बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान एवं कृषि विभाग और कृषि मार्केटिंग एवं कृषि फॉरेन ट्रेड डिपार्टमेंट उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वावधान में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के बृहस्पति भवन में किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मेरठ आयुक्त सुरेंद्र सिंह ने करते हुए कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कृषि के निर्यात की संभावनाएं अपार है। यहां कोई भी फसल ली जा सकती है। यहां की मिट्टी वायुमंडल अच्छी गुणवत्ता की फसल उत्पादन के लिए विश्व में विशेष रुप से है। यहां के किसान भाई यदि थोड़ी सी मेहनत करें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की भूमि में पैदा हुई फसलों को पूरी दुनिया के कोने कोने में पहुंचाया जा सकता है। ऐसा कर अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि विदेश व्यापार निदेशक उत्तर प्रदेश ऋषिरेंद्र कुमार आईएएस रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को उनके उत्पादों को निर्यात करने के लिए हर संभव मदद करेगी। कृषि निर्यात नीति उत्तर प्रदेश का गठन इसी को दृष्टिगत रखते हुए किया गया है। कार्यशाला में आए सुझावों को अगली नीति में जरूर शामिल किया जाएगा और यहां के किसान कृषि उद्यमी एवं व्यापारियों को कृषि निर्यात के प्रोत्साहन के लिए हर संभव मदद की जाएगी।

कार्यशाला में एपीड़ा वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ डीडीके शर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि एपिडा उत्तर प्रदेश सरकार के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। कृषि निर्यात में आ रही समस्याएं एवं कृषि निर्यात की विभिन्न घटकों के लिए आवश्यक सभी तरह की प्रशिक्षण कार्यक्रम बीईडीएफ के द्वारा निशुल्क दिए जाएंगे।

एपीडा की उप महाप्रबंधक विनीता सुधांशु ने विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ प्रमोद सिरोही जिला कृषि अधिकारी ने दिया एवं संयुक्त निदेशक कृषि अमरनाथ मिश्रा ने विस्तार से कृषि विभाग की नीतियां को सबके सामने रखा। वरिष्ठ कृषि विपणन अधिकारी राहुल यादव ने कृषि निर्यात नीति उत्तर प्रदेश के मुख्य बिंदुओं को साझा किया। डीडीएम नाबार्ड रचित उप्पल ने नाबार्ड के द्वारा चलाई जा रही योजनाएं एवं एफपीओ के कार्यान्वयन के लिए अपनी जानकारी व्याख्यान के माध्यम से दी। अमरपाल पादप सुरक्षा अधिकारी मेरठ ने सभी का आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम में एपीड़ा की उप महाप्रबंधक विनीता सुधांशु, डिपार्टमेंट ऑफ प्लांट प्रोटक्शन एंड क्वॉरेंटाइन स्टोरेज, कृषि मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त निदेशक डॉ सुभाष कुमार, बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ रितेश शर्मा, उत्तर प्रदेश चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष अजय भालोठिया सहित लगभग 200 प्रगतिशील किसान, एफपीओ के निदेशक मंडल एवं विभिन्न जनपदों के कृषि विभाग के अधिकारी एवं तकनीकी कर्मचारियों ने कार्यशाला में भाग लिया।

कार्यशाला में भाग लिया और विभिन्न एफपीओ, किसान संगठन निर्यातकों ने स्टाल के माध्यम से प्रदर्शनी लगाई और बासमती के ऊपर एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।



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